भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारत विश्व का भविष्य है। भारत का भविष्य युवा है। वर्ष 2070 तक भारत दुनिया का युवा देश बना रहेगा। दुनिया के श्रम बल की 21 प्रतिशत आबादी 2047 तक भारत में होगी। उन्होंने कहा है कि भविष्य के भारत में आवास, अवसंरचना, भोजन, शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य, मनोरंजन और सामाजिक सुरक्षा की जरूरतों एवं मांगों का आकार और मात्रा बहुत विशाल हो जाएगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया है कि अपने कौशल और उद्यमिता के साथ सेवा और उत्पादन के क्षेत्र में बन रहे नए अवसरों का लाभ लेने के लिए आगे आएँ। राज्यपाल श्री पटेल कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेन्शन सेंटर में आईसेक्ट राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन आत्म-निर्भर भारत के लिए सामाजिक उद्यमिता और कौशल विकास विषय पर चर्चा के लिए किया गया है।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज युवाओं को आकार और पैमाने दोनों लिहाज से कौशल और उद्यमिता विकास के अभूतपूर्व अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। सरकार तेज व्यवसायीकरण को दुनिया भर से पूँजी निवेश सर्वश्रेष्ठ नवाचार परिपाटियाँ लाने और प्रतिबद्ध नीतिगत हस्तक्षेपों के जरिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सबल, समर्थ औश्र समृद्ध, आत्म-निर्भर भारत में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने, नवाचार और उद्यमिता के लिए मजबूत समावेशी परिवेश बनाया है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप की वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए फन्ड ऑफ फन्ड्स, सीड फंड स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाई है।
देश में ज्ञान आधारित डिजिटल अर्थ-व्यवस्था भविष्य की प्रौद्योगिकी में नवाचार लॉजिस्टिक्स रक्षा अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए नये अवसर निर्मित हुए हैं। हरित हाइड्रोजन मिशन को 20 हजार करोड़ रूपए मिले है। पिछले वर्षों में रक्षा निर्यात 6 गुना बढ़ा है। कृषि बजट भी 1लाख 25 हजार करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। औषधियों के क्षेत्र में अनुसंधान और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के जरिए नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। सरकार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में कौशल प्रशिक्षण के लिए देश में 30 स्किल इंडिया अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, तीन कृत्रिम मेधा उत्कृष्टता केन्द्र और फाइव जी एप्लीकेशन विकास के लिए 100 प्रयोग शालाएँ खोल रही है।
कुलाधिपति रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय श्री संतोष चौबे ने बताया कि मध्य भारत का पहला कौशल विकास विश्वविद्यालय आईसेक्ट द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह संस्थान का छठा विश्वविद्यालय होगा। उन्होने बताया कि आईसेक्ट सामाजिक उद्यमिता पर आधारित 37 हजार केन्द्रों का 27 राज्यों में संचालन कर रहा है। केन्द्र का मॉडल भारतीय भाषाओं और सोशल कनेक्ट पर आधारित है। उन्होंने बताया कि तकनीक के साथ कृषि के क्षेत्र में भी संस्थान द्वारा पहल की गई है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैपिटल गुड्स एसएससी श्रीमती शालिनी सिंह ने कॉन्फ्रेन्स की-नोट प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन भारत की डेमोग्राफिक विशिष्टताओं के आधार पर कौशल उन्नयन के द्वारा भारत को आत्म-निर्भर बनाने और निर्यात को बढ़ाने के प्रयासों पर केन्द्रित होना चाहिए। निदेशक आईसेक्ट डॉ. अदिति चतुर्वेदी ने आईसेक्ट की गतिविधियों और प्रकाशित पुस्तकों के संबंध में जानकारी दी। आईसेक्ट के सचिव डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने संगोष्ठी की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी का आयोजन श्रृंखला में किया जा रहा है। इसी तरह की 15 कॉन्फ्रेन्स का आईसेक्ट द्वारा आयोजन किया जाना है। प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। आईसेक्ट और माइक्रोसॉफ्ट के मध्य सामाजिक उद्यमिता पर पारस्परिक समझौता किया गया। साथ ही युवा उद्यमियों का सम्मान भी किया गया।