भोपाल। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना से किसानो को फसल क्षति का मुआवजा मिलेगा। पॉलिसी उनके पास होगी तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। यह बात उन्होंने सीहोर जिले में फसल बीमा के “मेरी पालिसी – मेरे हाथ” कार्यक्रम में कही। सीहोर में 29 हजार किसानों को फसल बीमा योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मंत्री श्री पटेल ने किसानों से बेहतर स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती अपनाने की अपील की।
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों के कल्याण और खेती के विकास के लिए अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश किसानों को बगैर ब्याज के ऋण उपलब्ध कराने वाला देश का पहला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है। राज्य सरकार अन्नदाता किसानों के हर दुख-दर्द में साथ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हर संकट में साथ खड़ी है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में वन ग्राम के किसानों को भी राजस्व ग्राम के किसानों की तरह ही लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चने की खरीदी पहले जून-जुलाई में होती थी, जिससे किसानों को फसल को कम दाम में बेचना पड़ता था, अब गेहूँ से पहले मार्च में चने की खरीदी का लाभ किसानों को मिल रहा है। समर्थन मूल्य पर चना एवं सरसों की एक दिन में खरीदी की सीमा को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल किया गया है। मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था भी की गई है।
कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आज का दिन सीहोर के किसानों के लिए खास है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत “मेरी पॉलिसी मेरे हाथ” कार्यक्रम का जिले में शुभारंभ हुआ है। जिले के एक लाख 29 हजार किसानों ने फसल बीमा कराया है। इन सभी किसानों को पॉलिसी अभियान चलाकर एवं गांव-गांव शिविर लगाकर उनके घर पर ही बीमा पॉलिसी उनके हाथ में पहुंचाई जाएगी। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। आरबीसी 6(4) के नियमों में किसानों के हित में जरूरी संशोधन कर नियमों को सरल बनाया गया है और किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सीहोर मे वर्ष 2020 में दो लाख 73 हजार किसानों को 763 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और दवाइयों के उपयोग से हमारे स्वास्थ्य के साथ ही मृदा की उर्वरक क्षमता को भी नुकसान पहुँचता है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अग्रणी है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादन के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। प्रदेश में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है। उन्होंने सभी से अपेक्षा जताई कि वे निश्चित ही अपनी खेती के एक हिस्से में जैविक खेती को अपनाएंगे।