नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) से आग्रह किया कि इस खेल को 2026 राष्ट्रमंडल खेलों में बरकरार रखा जाए। राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन पहले ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया में होना था, लेकिन अब यह स्कॉटलैंड में हो सकता है। इस कारण डब्ल्यूएफआई को इस बात की संभावना कम लगती है कि स्कॉटलैंड इसके लिए राजी हो। भारत राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में सबसे सफल देशों में से एक है जिसने 2022 तक इस खेल में 114 पदक जीते हैं।
पिछले तीन खेलों में कुश्ती राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रही है। पिछली बार कुश्ती को 2006 में इन खेलों में जगह नहीं मिली थी जब बास्केटबॉल ने इसकी जगह ले ली थी। इससे पहले 1998 में 10 पिन बॉलिंग को शामिल करने के लिए कुश्ती को खेलों की सूची से हटा दिया गया था। स्कॉटलैंड की राजधानी ग्लास्गो का 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करना लगभग तय है क्योंकि विक्टोरिया इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के आयोजन की भारी लागत का हवाला देते हुए मेजबानी से पीछे हट गया था।
संजय सिंह ने कहा, मैंने राष्ट्रीय खेल महासंघ की राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के साथ बैठक के दौरान सीजीएफ अध्यक्ष क्रिस जेनकिंस और सीजीएफ सीईओ केटी सेडलियर से मुलाकात की। हमने उन्हें बताया कि भारत और कुछ अन्य खेलों के लिए कुश्ती का राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला स्कॉटलैंड करेगा। कुश्ती ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय नहीं है। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड अपने काफी पहलवानों को खेलों में नहीं भेजते, इसलिए इसे बरकरार रखे जाने की संभावना काफी अधिक नहीं है। उन्होंने हमें बताया कि कार्यक्रम में सिर्फ 10 से 11 खेल होंगे और अंतिम फैसला स्कॉटलैंड करेगा।
बर्मिंघम में 2022 में हुए पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम में 20 खेलों को जगह मिली थी जिसमें भारत ने 61 पदक जीते थे और इसमें से 12 पदक पहलवानों ने जीते थे। भारत ने जो 22 स्वर्ण पदक जीते थे उनमें से कुश्ती में छह स्वर्ण आए थे जो किसी भी खेल में सबसे अधिक स्वर्ण पदक था। इसके बाद टेबल टेनिस (चार) और मुक्केबाजी (तीन) का स्थान था। हालांकि बर्मिंघम खेलों से बाहर रखे जाने के बाद निशानेबाजी राष्ट्रमंडल खेलों में वापसी करेगी।