मैड्रिड/बिच्छू डॉट कॉम। स्पेन के कप्तान सर्जियो बुस्केट्स ने फीफा विश्व कप में टीम की हार के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया है। एक दशक से ज्यादा समय तक स्पेन मिडफील्ड की जान रहे बुस्केट्स प्री-क्वार्टर फाइनल में हार के बाद काफी निराश थे। स्पेन की टीम को मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। बुस्केट्स क्लब स्तर पर अभी खेलना जारी रखेंगे। स्पेनिश राष्ट्रीय टीम ने कहा कि 34 वर्षीय बुस्केट्स 143 मैचों के बाद अपने करियर को समाप्त कर रहे हैं। बुस्केट्स 2010 में विश्व कप और 2012 में यूरो कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। वह स्पेन के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने के मामले में तीसरे स्थान पर रहे। इस मामले में उसने आगे सर्जियो रेमोस (180 मैच) और इकर कैसिलास (167 मैच) हैं।
बुस्केट्स ने कतर में विश्व कप में स्पेन की कप्तानी की। वह स्पेन के उन तीन खिलाड़ियों में से एक थे जो पेनल्टी शूटआउट में चूक गए थे। बुस्केट्स के चूकने पर सभी हैरान थे। उनका संन्यास लेना स्पेन के लिए एक युग के अंत के समान है। वह 2010 में विश्व कप जीतने वाली टीम के इकलौते सदस्य थे, जो मौजूदा टीम में भी थे। बुस्केट्स क्लब स्तर पर बार्सिलोना के लिए खेलते हैं।
दुबले-पतले बुस्केट्स बार्सिलोना और स्पेन की सफलताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। वह आंद्रे इनिएस्ता और जावी हर्नांडेज के साथ क्लब और देश के लिए शानदार तिकड़ी बनाते थे। बुस्केट्स हमेशा एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में सामने आए जो किसी सांचे में फिट नहीं होते थे। वह न तो तेजी के लिए जाने जाते थे और न ही स्कोर करने के लिए। बुस्केट्स को गोल बनाने और दूसरी टीम की मिडफील्ड को तोड़ने में माहिर माना जाता है।