बिना नाकामी के कामयाबी नहीं मिलती: मैरीकॉम

मैरीकॉम

नई दिल्ली। भारत की महान मुक्केबाज मैरीकॉम, पैरालम्पिक स्टार अवनि लेखरा और सुहास एलवाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा ’ पहल के तहत स्कूल के बच्चों को तनाव से निपटने के टिप्स देते हुए कहा कि नाकामी के बिना कामयाबी नहीं मिलती और कड़ी मेहनत हमेशा काम आती है। तीनों खिलाड़ियों ने बच्चों को नाकामी से उबरने, फोकस बनाए रखने और चुनौतियों का सामना करने की भी सलाह दी। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे बच्चों के लिये 2018 से आयोजित किया जा रहा है।

दो बार की पैरालम्पिक चैम्पियन निशानेबाज लेखरा ने कहा, ‘लोग कहते हैं कि सफलता असफलता की विलोम है, लेकिन मेरा मानना है कि नाकामी ही कामयाबी का सबसे बड़ा हिस्सा है। नाकामी के बिना कभी कामयाबी नहीं मिलती।’ आम तौर पर टाउन हॉल प्रारूप में होने वाला परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम इस बार दिल्ली में सुंदर नर्सरी में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियों को स्कूली बच्चों के सवालों का जवाब देने के लिये बुलाया। उन्होंने 10 फरवरी को इसकी शुरूआत खुद की।

छह बार की विश्व चैंपियन और लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम ने मुक्केबाजी कैरियर के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘मुक्केबाजी महिलाओं का खेल नहीं है । मैने यह चुनौती स्वीकार की क्योंकि मैं खुद को साबित करना चाहती थी और देश की सभी महिलाओं को बताना चाहती थी कि हम कर सकते हैं और मैं कई बार विश्व चैंपियन बनी।’ उन्होंने कहा, ‘आपके जीवन में भी अगर आप चुनौती का सामना करना चाहते हैं तो भीतर से मजबूत होना होगा। शुरूआत में मैने कई चुनोतियों का सामना किया। कई बार मैं हतोत्साहित हो जाती थी क्योंकि चुनौतियां काफी थी। हर क्षेत्र कठिन है। कोई शॉर्टकट नहीं होता। आपको मेहनत करनी होती है। अगर मैं कर सकती हूं तो आप क्यो नहीं।’

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