बेंगलुरु। सैफ चैंपियनशिप में भारतीय फुटबॉल टीम ने लगातार दूसरी जीत हासिल कर ली है। उसने शनिवार को ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में नेपाल को 2-0 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंच गई है। इससे पहले उसने अपने शुरुआती मुकाबले में पाकिस्तान को 4-0 से हराया था। इस ग्रुप से कुवैत की टीम पहले ही अंतिम-4 में पहुंच चुकी है। अब भारत और कुवैत की टीमें 27 जून को आमने-सामने होंगी। तब दोनों सेमीफाइनल की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए उतरेंगी। भारत के लिए इस मैच में कप्तान सुनील छेत्री और नाओरेम महेश सिंह ने गोल दागे। सुनील छेत्री ने 61वें मिनट में टीम का खाता खोला। इस टूर्नामेंट में उनका यह चौथा गोल है। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने तीन गोल दागे थे। छेत्री का यह 91वां अंतरराष्ट्रीय गोल है। उनके गोल को नौ मिनट बाद ही महेश ने टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया। उन्होंने 70वें मिनट में शानदार गोल किया।
पहले हाफ में दोनों टीमें अब तक एक भी गोल नहीं कर पाई हैं। हाफटाइम के बाद स्कोर 0-0 की बराबरी पर है। दोनों टीमों ने पहले हाफ में गोल के लिए तीन-तीन शॉट लगाए। नेपाल का एक शॉट टारगेट पर रहा तो भारतीय टीम निशाने पर एक बार भी गेंद को नहीं मार सकी है। जहां तक पजेशन का सवाल है तो टीम इंडिया इसमें आगे है। उसके पास गेंद 65 प्रतिशत मौकों पर रही है। दोनों टीमों को एक-एक कॉर्नर भी मिला है, लेकिन अब तक किसी ने अपना खाता नहीं खोला। पहले हाफ में अपेक्षा के अनुरूप नहीं खेलने वाली भारतीय टीम ने दूसरे हाफ में वापसी की। उसने इस हाफ में लगातार हमले किए। भारतीय खिलाड़ियों ने दूसरे हाफ में गोल के लिए 10 प्रयास किए। इनमें से पांच शॉट टारगेट पर रहे। वहीं, नेपाल की टीम ने चार प्रयास तो किए, लेकिन वह एक भी शॉट टारगेट पर नहीं रख सकी। अत्यधिका आक्रामकता का लाभ भारत को मिला और उसने दो गोल दागकर मैच को अपने नाम कर लिया।
भारत को मुख्य कोच इगोर स्टिमैक की सेवाएं नहीं मिलीं। पाकिस्तान पर भारत की 4-0 की जीत के दौरान उन्हें रेड कार्ड दिखाया गया था। ऐसे में सहायक कोच महेश गवली ने डग आउट में टीम की कमान को संभाला। स्टिमैक पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है। वह कुवैत के मैच से वापस लौट आएंगे। अनुभवी कोच और 1998 विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली क्रोएशिया टीम के सदस्य रहे स्टिमैक ने थ्रो इन करने जा रहे पाकिस्तानी खिलाड़ी से गेंद लेने का प्रयास किया था। इस पर नोकझोक की स्थिति पैदा हो गई थी और रेफरी प्रजवाल छेत्री और अन्य अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा था।