बिच्छू डॉट कॉम: राउंडअप/भारत और बांग्लादेश के बीच तीसरा टी20 आज

  • रवि खरे
भारत और बांग्लादेश

भारत और बांग्लादेश के बीच तीसरा टी20 आज
भारत और बांग्लादेश के बीच आज तीन मैचों की टी20 सीरीज का आखिरी मुकाबला हैदराबाद में खेला जाएगा। इस मैच में जीत के साथ भारतीय टीम क्लीन स्वीप का लक्ष्य लेकर उतरेगी। बता दें कि, इस सीरीज में भारतीय टीम पिछले दो मैचों में जीत के साथ 2-0 से आगे चल रही है। अब उनकी नजर तीसरे मुकाबले में जीत के साथ बांग्लादेश का सूपड़ा साफ करने पर टिकी है। इस सीरीज का तीसरा मुकाबला हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला जाएगा। यहां की पिच पूरी तरह से बल्लेबाजों के अनुकूल रह सकती है। इस मुकाबले में टॉस ज्यादा बड़ी भूमिका अदा नहीं करेगा। माना जा रहा है कि यहां दोनों पारियों में बड़े स्कोर बन सकते हैं। रिकॉर्ड की बात करें तो पिछले दो अंतरराष्ट्रीय मैचों में इस पिच पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने जीत हासिल की है। वहीं, पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा है। तीन मैचों की इस सीरीज के आखिरी टी20 मुकाबले पर बारिश का साया है। एक्यूवेदर की रिपोर्ट के अनुसार, मुकाबले के दौरान आकाश में बादल छाए रहने की आशंका है। वहीं, तापमान 23 डिग्री से 26 डिग्री तक रहने की संभावना है जबकि बारिश की संभावना 23 प्रतिशत है। हवाएं 24 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी जबकि आद्रता 89 फीसदी रह सकती है। हालांकि, फैंस को उम्मीद है कि उन्हें पूरा मैच देखने को मिलेगा।

क्रिकेटर अजय जडेजा होंगे जामनगर राजघराने के वारिस
गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्यसिंह ने अपने वारिस की घोषणा कर दी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को अपना उत्तराधिकारी चुना। इस दौरान शत्रुशल्य सिंह ने कहा, मुझे आनंद है कि अजय जडेजा जामनगर  के नए जाम साहब होंगे। मुझे लगता है कि यह जामनगर की जनता के लिए आशीर्वाद रूप होगा। पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा जामनगर के ही हैं और नवानगर रियासत से ताल्लुक रखते हैं। वह पहले से जाम साहब शत्रुशल्य सिंह के करीबी रहे हैं और माना जाता था कि वही नए जाम साहब होंगे। वर्तमान जाम साहब शत्रुशल्य सिंह निसंतान हैं, इस वजह से उन्हें अपने वारिस की पसंदगी करनी थी, जो उन्होंने अजय जडेजा के रूप में की। जाम साहब शत्रुशल्य सिंह के पिता दिग्विजय सिंह थे जो 33 साल जाम साहब रहे। उनके चाचा रणजित सिंह ने उन्हें गोद लिया था और अपना वारिस बनाया था। जाम साहब रणजितसिंह के नाम पर भारतीय क्रिकेट के घरेलू स्पर्धा रणजी ट्रॉफी खेली जाती है। रणजीत सिंह और दिलिप सिंह के परिवार से ही अजय जडेजा आते हैं और शुक्रवार को उनको आधिकारिक तौर पर वारिस घोषित किया गया। महान क्रिकेटर केएस रणजीत सिंह 1907 से 1933 तक नवानगर के शासक रहे थे।

प्याज- टमाटर बिगाड़ सकते हैं बजट, फिर ऊपर पहुंच सकती है खुदरा महंगाई
खाने-पीने की वस्तुओं और खासकर प्याज-टमाटर की कीमतों में तेज उछाल से खुदरा महंगाई सितंबर, 2024 में बढक़र दो महीने बाद फिर आरबीआई के 4 फीसदी के दायरे बाहर निकलकर 5.03 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती है। इससे पहले जून में खुदरा महंगाई 5.08 फीसदी रही थी, जबकि जुलाई और अगस्त में यह घटकर क्रमश: 3.60 फीसदी एवं 3.65 फीसदी रही थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त के मुकाबले सितंबर में यानी एक महीने में खुदरा महंगाई में 1.38 फीसदी बढ़ सकती है। खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर भी 2.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती है। अगस्त में खाद्य महंगाई 5.7 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर, 2023 से जून, 2024 के बीच सब्जियों की महंगाई दर 27-30 फीसदी के दायरे में बनी हुई थी। इस साल जुलाई और अगस्त में यह घटकर क्रमश: 6.8 फीसदी और 10.7 फीसदी रह गई।

दुनिया का हर सातवां बच्चा मानसिक समस्याओं से ग्रस्त, परेशानी 14 साल से पहले होती हैं शुरू
दस से 19 साल के बीच दुनिया का हर सातवां बच्चा मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है। एक तिहाई समस्याएं 14 साल की उम्र से पहले ही शुरू हो जाती हैं, जबकि आधी समस्याएं 18 वर्ष से पहले सामने आती हैं। यह खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी नई रिपोर्ट में  किया है। समस्याओं में अवसाद, बेचैनी और व्यवहार से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य  मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लक्षण काफी हद तक किशोरावस्था में दिखने लगते हैं। यह निर्धारित करने के लिए कि मानसिक स्वास्थ्य विकार मौजूद है अथवा नहीं, डॉक्टर बच्चे या किशोर के साथ किए गए साक्षात्कार तथा माता-पिता और अध्यापकों से मुलाकात के दौरान देखे गए अवलोकनों पर आश्रित रहते हैं। कभी-कभी डॉक्टर बच्चे या किशोर को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के पास भेजते हैं जो प्रशिक्षित होते हैं, लेकिन यह सुविधा ग्रामीण इलाकों, अर्धशहरी और सामान्य शहरों में उपलब्ध नहीं हो पाती।

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