नई दिल्ली। 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। वह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने उन पर डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें अप्रैल में भी नाडा ने बैन किया था, लेकिन तीन हफ्ते पहले एडीडीपी ने इस आधार पर उनका निलंबन रद्द कर दिया था कि नाडा ने पहलवान को ‘आरोप का नोटिस’ जारी नहीं किया था। NADA ने 23 अप्रैल को टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता पहलवान को मार्च में सोनीपत में ट्रायल्स के दौरान अपना मूत्र का नमूना देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विश्व शासी निकाय UWW ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।
बजरंग ने निलंबन के खिलाफ अपील की थी और नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (एडीडीपी) ने 31 मई को इसे रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक नाडा आरोप का नोटिस जारी नहीं करता है, निलंबन रद्द रहेगा। इसके बाद नाडा ने कार्रवाई करते हुए रविवार को पहलवान को नोटिस भेजा। बजरंग को भेजे गए नाडा के संदेश में कहा गया, ‘यह एक औपचारिक नोटिस के रूप में कार्य करता है कि आप पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी नियम, 2021 के अनुच्छेद 2.3 के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है और अब आपको अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है।’
बजरंग के पास सुनवाई का अनुरोध करने या आरोप स्वीकार करने के लिए 11 जुलाई तक का समय है। नाडा द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद बजरंग ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने कभी भी नमूना देने से इनकार नहीं किया, बल्कि केवल अपने ईमेल पर नाडा की प्रतिक्रिया जानने की मांग की थी। इसके अलावा बजंरग ने नाडा से इस बात का भी जवाब मांगा था कि उन्होंने उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर हो चुकी किट क्यों भेजी गईं।
नाडा ने अपनी कार्रवाई का कारण भी बताया। उन्होंने लिखा, ‘चैपेरोन/डीसीओ ने आपसे विधिवत संपर्क किया था और आपको सूचित किया था कि आपको डोप विश्लेषण उद्देश्यों के लिए मूत्र का नमूना प्रदान करना आवश्यक है। डीसीओ द्वारा किए गए कई अनुरोधों के बाद भी, आपने अपने मूत्र का नमूना देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जब तक नाडा समाप्त हो चुकी किटों के मुद्दे के बारे में आपके ईमेल का जवाब नहीं देता, तब तक आप नमूना प्रदान नहीं करेंगे।
नाडा ने लिखा, ‘डीसीओ द्वारा किए गए सभी प्रयासों के बावजूद, आपने नमूना संग्रह के लिए जमा करने से इनकार कर दिया था।’ नाडा ने स्पष्ट किया कि डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन (एडीआरवी) को बरकरार रखा गया है। इसमें ‘जिस घटना के दौरान एडीआरवी हुआ, उसके परिणामों को अयोग्य घोषित करने, किसी भी पदक, अंक और पुरस्कार को जब्त करने सहित सभी परिणामी परिणामों के साथ एडीआरवी को कमीशन देने की मांग की जाएगी।’ NADA ने बजरंग से ADRV से जुड़ी वित्तीय लागतों की वसूली करने या NADR, 2021 के प्रावधान के अनुसार जुर्माना लगाने का भी चुनाव कर सकता है।