नई दिल्ली। भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में हॉन्ग कॉन्ग पर 3-0 की जीत के साथ बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप (बीएटीसी) में अपना ऐतिहासिक पहला पदक पक्का किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन को हराकर ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद भारत ने दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू, अस्मिता चालिहा और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रास्टो की युगल जोड़ी की जीत के दम पर हांगकांग को हराया।
चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी करते हुए सिंधू ने अपने से निचली रैंकिंग वाली लो सिन यान हैप्पी के खिलाफ कड़े मुकाबले में 21-7, 16-21, 21-12 से जीत दर्ज की। इसके बाद तनीषा और अश्विनी की महिला युगल जोड़ी ने येयुंग एनगा टिंग और येयुंग पुई लैम की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को 35 मिनट में 21-10, 21-14 से हराकर भारत की बढ़त दोगुनी कर दी। अस्मिता ने येयुंग सुम यी पर 21-12, 21-13 की आसान जीत से भारत की जीत सुनिश्चित की और टीम के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का किया। अब भारत का मुकाबला शीर्ष वरीय जापान और चीन के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा।
सिंधू ने दुनिया की 77 वें नंबर की लो सिन के खिलाफ पहले गेम में अच्छी शुरुआत करते 11-1 की बढ़त बना ली लेकिन इसके बाद विपक्षी खिलाड़ी ने चुनौती पेश की और सिंधू ने छह अंक गंवाए लेकिन दूसरे गेम में कड़ा मुकाबला हुआ। एक समय स्कोर 10-10 था। सिंधू को लय बनाए रखने में दिक्कत हो रही थी। लो सिन ने 15-10 की बढ़त बना ली और गेम अपने कब्जे में कर मैच को निर्णायक गेम की ओर मोड़ दिया। तीसरे गेम में सिंधू ने 5-1 की बढ़त बनाई। लंबी रैलियां देखने को मिलीं। सिंधू ने अपने शॉटों की विविधता से 17-8 की बढ़त बनाई। सिंधू के पास नौ मैच प्वाइंट थे और सिन के खिलाफ दूसरे पर उन्होंने मैच जीत लिया।
भारतीय कोच विमल कुमार ने कहा, ”यह महिला टीम के लिए एक सहज परिणाम है। मैं उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। ड्रिफ्ट के कारण एक छोर से मुश्किल होने के कारण सिंधू को थोड़ा जूझना पड़ा लेकिन यह एक अच्छा परिणाम है, हम सेमीफाइनल में हैं।”