बैंकॉक। हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में स्वर्णिम प्रदर्शन के बाद जम्मू कश्मीर की शीतल देवी ने एशियाई पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है। बिना भुजाओं की तीरंदाज शीतल ने सेमीफाइनल में अपनी ही साथी सरिता को 143-138 से हराया। सरिता ने तीसरे स्थान की लड़ाई में भारत की ज्योति बालियान को 139-135 से हराकर कांस्य पदक जीता। ये दोनों ही तीरंदाज माता वैष्णो श्राइन बोर्ड अकादमी, कटरा से संबंधित हैं। इसी अकादमी के एक अन्य तीरंदाज जम्मू के राकेश कुमार ने भी फाइनल में जगह बनाई।
कंपाउंड के ओपन वर्ग में शीतल का फाइनल में मुकाबला सिंगापुर की नूर स्याहिदाह आलिम से होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में ज्योति को 150-138 से पराजित किया। पुरुषों के कंपाउंड ओपन वर्ग के सेमीफाइनल में राकेश कुमार ने जापान के यूआ ओए को 143-142 से पराजित किया। 38 वर्षीय राकेश सड़क दुुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद वह व्हील चेयर पर आ गए। परिवार के सदस्यों को खोने के बाद वह बमुश्किल सदमें से उबरे। उसके बाद उन्होंने तीरंदाजी को अपनाया और यहां झंडे गाड़े।
भारतीय पैरा तीरंदाज इसके बाद 23 नवंबर से शुरू हो रही पेरिस पैरालंपिक क्वालिफाइंग इवेंट में दांव पर लगे छह कोटा (4 कंपाउंड, दो रिकर्व) में भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे। रिकर्व वर्ग में टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह यहां प्री क्वार्टर फाइनल में ही हार कर बाहर हो गए। उन्हें शूटआॉफ जापान के उएयामा ने 5-6 से हराया। विवेक चिकारा को क्वार्टर फाइनल में चीन के जुन गान से 2-6 से हार मिली।