दो घंटे अभ्यास करते ही सूज जाते हैं घुटने: साइना नेहवाल

साइना नेहवाल

नई दिल्ली। भारतीय अनुभवी बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा कि पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करना मुश्किल है, लेकिन मैं अभी संन्यास के बारे में नहीं सोच रही हूं। ओलंपिक अगले साल पेरिस में होंगे। साइना लगातार चोटों से परेशान रही हैं और उसके कारण वह कई टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाईं। वह विश्व रैंकिंग में 55वें स्थान पर हैं। विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना ने आखिरी बार जून में सिंगापुर ओपन में भाग लिया था। उन्होंने अपना आखिरी खिताब जनवरी 2019 में मलयेशिया मास्टर्स के रूप में जीता था।

33 साल की साइना ने कहा, ‘जब भी मैं एक या दो घंटे अभ्यास करती हूं तो मेरे घुटने में सूजन आ जाती है। मैं अपना घुटना नहीं मोड़ पाती हूं और इसलिए दूसरे सत्र के अभ्यास में भाग नहीं ले सकती। चिकित्सकों ने मुझे कुछ इंजेक्शन दिए हैं। बेशक ओलंपिक पास में है, लेकिन उसके लिए क्वालिफाई करना मुश्किल है। लेकिन मैं वापसी के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही हूं। फिजियो मेरी मदद कर रहे हैं, लेकिन अगर सूजन कम नहीं होती तो फिर पूरी तरह फिट होने में थोड़ा समय लगेगा। मैं भी अधूरे मन से नहीं खेलना चाहती हूं और ऐसे में परिणाम भी अनुकूल नहीं आएंगे।’

गुरुग्राम में 24 सितंबर को होने वाली हार्वेस्ट गोल्ड ग्लोबल रेस की ब्रांड एंबेसडर नियुक्त हुईं साइना ने कहा, ‘अगर आपको एन सेयॉन्ग या ताई त्ज़ु यिंग या अकाने (यामागुची) के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी हैं तो इसके लिए एक घंटे के अभ्यास से काम नहीं चलेगा। अगर आप इस तरह की उच्च स्तर की खिलाड़ियों के खिलाफ खेल रही हैं तो आपको अपने खेल को भी उच्च स्तर पर लाना होगा।’

साइना से जब संन्यास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘संन्यास तो सभी को लेना है। ऐसी कोई समय सीमा तय नहीं है। जब भी आपको लगेगा कि आपका शरीर साथ नहीं दे रहा है तो आप खेलना बंद कर दोगे। लेकिन अभी मैं प्रयास कर रही हूं। एक खिलाड़ी होने के नाते कोशिश करना मेरा काम है क्योंकि मैं इस खेल से प्यार करती हूं और मैं इतने लंबे समय से खेल रही हूं। मेरा लक्ष्य एशियाई खेल या ओलंपिक में खेलने का नहीं है क्योंकि इन प्रतियोगिताओं में मैंने काफी कुछ हासिल किया है। अगर मैं खेलने में सक्षम रहती तो इससे बेहतर कर सकती थी। देखते हैं आगे क्या होता है।’

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