ताशकंद। भारतीय मुक्केबाज दीपक भोरिया (51 भारवर्ग) और मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 भारवर्ग) को विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। दीपक को दो बार के विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा के खिलाफ कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर हुसामुद्दीन घुटने में चोट के कारण सेमीफाइनल के लिए रिंग में ही नहीं उतरे। 29 साल के हुसामुद्दीन को क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जे डियाज इबानेज के खिलाफ चोट लग गई थी।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने एक बयान में कहा कि हुसामुद्दीन ने चोट के कारण वाकओवर दे दिया। उनके पिछले मुकाबले के दौरान घुटने में चोट लग गई थी, जिसमें दर्द और सूजन थी। टीम प्रबंधन ने फैसला किया कि हुसामुद्दीन सेमीफाइनल में नहीं उतरेंगे। उनकी चोट के बढ़ने का खतरा था। हुसामुद्दीन पहली बार विश्व चैंपियनशिप में खेल रहे थे। सेमीफाइनल में उन्हें क्यूबा के सैडल होर्टा के खिलाफ खेलना था। भारत के अन्य मुक्केबाज निशांत (71 किग्रा) भी सेमीफाइनल में हैं। उन्हें कजाखस्तान के एशियाई चैंपियन अस्लानबेक शिमबेरगेनोव के खिलाफ रिंग में उतरना है। इन तीनों मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में पहुंच कर पहले ही कांस्य पदक सुनिश्चित कर लिए थे। पदकों के संख्या के लिहाज से यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारतीय मुक्केबाजों के लिए अच्छी बात यह भी है कि तीनों पदक ओलंपिक श्रेणी में सुनिश्चित हुए हैं। सितंबर-अक्तूबर में एशियाई खेलों का आयोजन होना है, जो ओलंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट होगा।