नई दिल्ली। बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अपनी बात कही है। उन्होंने न्यायपालिका और दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा जताया है। साथ ही धरने के पीछे कांग्रेस का हाथ होने के आरोप लगाए हैं। बृजभूषण ने कहा एफआईआर करने की बात आई है। अभी एफआईआर की कॉपी मेरे पास नहीं है। लेकिन एफआईआर तो हो ही गई होगी। मुझे इसमें कुछ भी गलत प्रतीत नहीं होता। दिल्ली पुलिस पर मुझे पूरा भरोसा है। मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मैं इन आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हूं। जांच एजेंसी जहां भी उचित समझेगी, मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं। मुझे पहले भी भरोसा था, आज भी भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। मुझे इस पर पूरा भरोसा है। मुझे और मेरे समर्थकों को न्याय मिलेगी। पिछले कई महीनों से मुझे गाली पर गाली और आरोपों पर आरोप झेलने पड़े हैं। इससे मेरे परिवार और मेरे समर्थकों को कष्ट होता है। शीघ्र ही इस मामल में न्याय हो।
उन्होंने आगे कहा “मुझे देश की न्याय प्रक्रिया पर भरोसा है। अगर इनके पुराने बयान सुनेंगे तो आपको पता चलेगा कि इन्होंने पद से इस्तीफा देने की मांग की थी। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है। सरकार ने तीन लोगों की कमेटी गठित की है। 40-45 दिन में ही चुनाव होना है। मेरा कार्यकाल वैसे भी समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस्तीफे की बात नहीं। मेरा इस्तीफा वैसे ही हो जाएगा, लेकिन अपराधी की तरह नहीं। इन्हीं के कहने पर जांच कमेटी बनी। इनके कहने पर ही उस व्यक्ति को भी जांच कमेटी में शामिल किया गया, जिस पर मेरी आपत्ति थी। इनको जब आभास हो गया कि जांच कमेटी में कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो रहे, तो इन्होंने कमेटी की रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया और सीधे सुप्रीम कोर्ट चले गए। ये सुप्रीम कोर्ट में नया मामला लेकर गए हैं। जिन नाबालिगों को लेकर ये लोग गए हैं, वे जांच कमेटी के सामने पेश क्यों नहीं हुए हैं। ये चार-चार महिलाएं मेरे खिलाफ लोगों को भड़काएंगे, उकसाएंगे, और मेरे खिलाफ केस कर देंगे। चलिए मुझे इससे भी समस्या नहीं है। यह जांच एजेंसी का काम है।
बृजभूषण ने पहलवानों पर आरोप लगाते हुए कहा “इनकी मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले एफआईआर की मांग की। फिर इस्तीफे की मांग की। जेल में डालने की मांग की है। तो ये लोकसभा सांसदी मुझे विनेश फोगाट की तरफ से नहीं मिला है। मुझे उनकी कृपा से कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद नहीं मिला है। मुझे यह पद चुनाव लड़कर मिला है। 12 साल तक सिर्फ इनके साथ यौन उत्पीड़न होता है, बाकी खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं। हरियाणा का एक ही परिवार क्यों। एक अखाड़ा, एक फैमिली। हरियाणा, हिमाचल बाकी राज्यों के खिलाड़ी क्यों नहीं। क्यों- क्योंकि मैंने काम किया है।”
ये जो खिलाड़ी धरने पर बैठे हैं, मुझे क्यों बुलाते थे। इस पूरे मामले में एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है। मैंने उद्योगपति का नाम नहीं बोला है। कुछ उद्योगपतियों का हाथ है, जिन्हें मुझसे कष्ट है। आज दिखाई भी पड़ गया कि किसका हाथ है। जब इनकी मांग मान ली गई कि एफआईआर दर्ज करना है, तब यह इसको क्यों उठा रहे हैं। केजरीवाल को, सत्यपाल मलिक को, प्रियंका गांधी को बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी? अरे कम से कम कांग्रेस वाले जांच रिपोर्ट का इंतजार कर लेते, तब जंतर-मंतर पहुंचते। ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है, कुछ षड़ंयत्रकारी लोग हैं, जो मेरी पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। आप देख रहे हैं कि खिलाड़ियों के कहने पर ऐसे व्यक्ति को धरने में शामिल किया गया, जिसको शामिल नहीं होना था। क्योंकि उसी ने धरने की अनुमति दी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस की निगरानी में है। जांच कमेटी लड़कियों से बात कर रही है। आयोग के सामने जो बच्चे पेश हुए हैं, उनमें वो बच्चा नहीं है, जिसने मेरे खिलाफ एफआईआर की है। ये कहते हैं कि मुझे कुश्ती को बचाना है। हमारे देश को एशिया जूनियर चैंपियनशिप अलॉट थी। वो इन्होंने चिट्ठी लिखकर कैंसल करवाया। महिलाओं का कैंप चल रहा था। उनकी ट्रेनिंग होनी थी। इनकी वजह से उन्हें जाना पड़ा। क्या ऐसे उन्होंने कुश्ती को बचाया।