नई दिल्ली। भुवनेश्वर-राउरकेला विश्व कप के पहले दो मैचों में मिडफील्डर हार्दिक सिंह का चमत्कारिक खेल सभी की जुबां पर था। वह दोनों मैचों में मैन ऑफ द मैच बनें, लेेकिन जांघ में खिचाव के कारण उन्हें विश्व कप से बाहर होना पड़ा। हॉकी इंडिया की ओर से वर्ष के वर्ष 2022 केे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनें हार्दिक को अभी भी दुख है कि भारतीय टीम विश्व कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई। वह इसकी भरपाई टीम इंडिया को एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक दिलाकर करना चाहते हैं। उनके खेल में आए सुधार का बड़ा कारण वह टीम साथियों के साथ आपसी जुड़ाव को मानते हैं।
हार्दिक कहते हैं कि एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीतकर टीम की कोशिश पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करना है। हार्दिक को बचपन से ही अपने पास हॉकी का माहौल मिला। उनके पिता वरिंदरप्रीत सिंह देश के लिए खेल चुके हैं और दादा प्रीमत सिंह नेवी में हॉकी के कोच थे। उनके चाचा गुरमेल सिंह मास्को ओलंपिक का स्वर्ण जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य थे और चाची राजवीर कौर भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रह चुकी हैं। हार्दिक अपने दिल की इच्छा बताते हैं कि उन्होंने और उनके परिवार ने ओलंपिक स्वर्ण का सपना देखा है। पूरी टीम ने भी यही लक्ष्य बना रखा है कि टोक्यो में कांस्य के बाद पेरिस में स्वर्ण जीतना है।
हार्दिक के मुताबिक अब उनकी चोट ठीक है। टीम के नए कोच दक्षिण अफ्रीकी क्रेग फुल्टन से वह मिल चुके हैं। हालांकि अभी उन्होंने टीम की कमान नहीं संभाली है, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत सिंह से उन्होंने बात की है। वह टीम में रणनीतिक और तकनीकि खामियों को ठीक करना चाहते हैं। उनके अप्रैल माह में टीम से जुडऩे की उम्मीद है। हार्दिक के मुताबिक फुल्टन बेहतरीन कोच हैं। उन्होंने उनकी काफी तारीफ सुनी है।
हॉकी इंडिया ने मिडफील्डर हार्दिक सिंह और गोलकीपर सविता को 2022 का सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी चुना है। दोनों को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में बलबीर सिंह सीनियर अवार्ड के लिए 25-25 लाख का पुरस्कार मिला। हरमनप्रीत सिंह और सविता को वर्ष 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।