- हरीश फतेहचंदानी
अब विधानसभा चुनाव होने में महज आठ माह का ही समय रह गया है, ऐसे में जब केंद्रीय पदाधिकारियों की नजरें टेढ़ी होना शुरू हुई तो भाजपा की युवा इकाई यानि की युवा मोर्चा की नींद खुली है। अब इस संगठन ने सक्रियता दिखानी शुरू की है। यही वजह है कि कहा जा रहा है कि प्रदेश में युवा मोर्चा की हालत वैसी बनी हुई है जैसे लंबी नींद के बाद अचानक जागना। दरअसल प्रदेश में एक समय युवा मोर्चा बेहद सक्रिय संगठन माना जाता था, लेकिन जबसे पार्टी ने इसकी कमान वैभव पंवार को सौंपी है तभी से यह संगठन सुप्तवास्था में चला गया है। पहले तो संगठन के पदाधिकारी बनाने में ही कई माह का समय लगा दिया गया और उसके बाद यही हाल जिलों में इकाई के गठन को लेकर भी रहा। इस मामले में भी संगठन के आला नेताओं को नसीहत देनी पड़ी थी। इसके बाद भी यह संगठन मैदानी स्तर पर कभी भी अपनी सक्रियता बीते दो सालों में नहीं दिखा पाया है। अब चुनाव बेहद करीब आ रहे हैं, तब कहीं जाकर युवा मोर्चा द्वारा मैदानी स्तर पर सक्रियता की बात कही जा रही है। इसमें विधानसभा चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को मजबूती देने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा पंचायत समितियों के गठन का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायत समितियों में 10 से 11 सक्रिय कार्यकर्ताओं को जगह देकर उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। इसमें भी उन्हें सबसे महत्वपूर्ण काम युवा मतदाताओं को जोडऩे का सौंपा गया है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि अब मोर्चा द्वारा चुनाव से पहले पंचायत से लेकर विकासखंड स्तर तक युवा मतदाताओं के सम्मेलन किए जाएंगे।
इसके अलावा बूथ सशक्तीकरण की जिम्मेदारी भी पंचायत समिति के सदस्यों को दी जा रही है। इन्हीं समितियों के माध्यम से भाजयुमो प्रतिद्वंद्वी दल पर बूथवार बढ़त बनाने के लिए पूरा प्रयास करेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल पांच करोड़ 38 लाख मतदाता हैं, इनमें दो करोड़ 82 लाख की उम्र 18 से 39 साल है। यानी लगभग आधे मतदाता युवा हैं। इन्हें रिझाने का प्रयास भाजपा और कांग्रेस दोनों कर रही हैं। कांग्रेस में यह जिम्मेदारी युवक कांग्रेस को तो भाजपा में युवा मोर्चा को दी गई है। वे प्रदेश के ऐसे युवा मोर्चा अध्यक्ष माने जा रहे हैं जिनके कार्यकाल में सबसे कम मोर्चा सक्रिय नजर आ रहा है। उन्हें अपनी टीम में कार्यसमिति सदस्यों को शामिल करने में ही अज्ञइ माह लग गए थे। उनके द्वारा दिसम्बर में कार्यसमिति सदस्यों के नामों की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही कुछ जिलों के अध्यक्षों का भी ऐलान किया गया था।
मप्र को हरा-भरा बनाने की घोषणा पर अमल नहीं
करीब सात माह पहले जब भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष वैभव पंवार हरदा गए थे , तब उनके द्वारा नर्मदापुरम संभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान घोषणा की गई थी कि आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में युवा मोर्चा पौधरोपण करेगा। इसमें 75 लाख पौधे लगाए जाएंगे। उनका कहना था कि संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपने-अपने गांवों और शहरों में पौधरोपण करेंगे और पेड़ बनने तक उसकी देखभाल करने का संकल्प भी लेगें। इसके लिए उनके द्वारा 3 चरणों में 25- 25 लाख पौधारोपण का संकल्प लेने की बात कही गई थी। उनका कहना था कि इसमें आजादी के अमृत महोत्सव 75 वर्ष के अंतर्गत 75 लाख पौधे पूरे प्रदेश भर में लगाए जाएंगे। उनकी इस घोषणा पर अब तक अमल होता नहीं दिखा है।
पहली बार 30 लाख युवा बने मतदाता
दरअसल भाजपा नए बने मतदाताओं को हर हाल में पार्टी से जोडऩा चाहती है। यही वजह है कि इसकी जिम्मेदारी युवा मोर्चा को दी गई है। इसके लिए ही युवाओं के सम्मेलन ग्राम पंचायत स्तर पर करना तय किया गया है। प्रदेश में हाल ही में ऐसे तीस लाख मतदाता बने हैं, जो पहली बार अपने मत का प्रयोग विधानसभा चुनाव में करेंगे। वैसे भी प्रदेश में भाजपा बदलाव के दौर से गुजर रही है। पार्टी संगठन से लेकर अन्य मामलों में भी युवाओं को तरजीह दे रही है। उधर, युवा मोर्चा का दावा है कि खेलेगा मध्य प्रदेश कार्यक्रम से बड़ी संख्या में युवा भाजपा से जुड़े हैं। चुनाव के पहले कई अन्य तरह की गतिविधियां शुरू करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे की युवाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़ा जा सके।
प्रदेश पदाधिकारियों का आठ माह इंतजार
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा जनवरी 2021 में अपनी टीम की घोषणा की गई थी , तब उनके द्वारा वैभव पंवार को युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद करीब आठ माह के इंतजार के बाद पंवार अपनी टीम के प्रदेश पदाधिकारियों के नामों की घाषणा कर पाए थे। यही नहीं इसके बाद उन्हें चार माह अपनी कार्यसमिति में