ध्रुपद की प्राचीन परंपरा को आगे बढ़ा रहे राजधानी के योगेश- मुकेश

योगेश- मुकेश
  • संगीत के क्षेत्र में आये दो भाई… एक पत्रकार तो दूसरा कवि

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आत्मा को सुकून देने वाले अद्भुत आलाप और गंभीर गायन की वजह से पहचाने जाने वाला ध्रुपद शास्त्रीय संगीत की सबसे प्राचीनतम गायन शैली है। जाने माने शास्त्रीय गायक डागर ब्रदर्स और गुंदेचा ब्रदर्स ने इस शैली को पूरी दुनिया में पहुंचाया। उनकी इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं राजधानी के दो युवा ध्रुपद गायक योगेश और मुकेश ..सक्सेना ब्रदर्स…।
दोनों भाइयों की इस जोड़ी को शास्त्रीय संगीत और विशेषकर ‘ध्रुपद’ के शौकीनों के बीच खासा पसंद किया जा रहा है। हाल ही में इस जोड़ी ने दूरदर्शन भोपाल पर ‘ध्रुपद’ गायन की जीवंत प्रस्तुति दी। यहां इनके गायन को इतना पसंद किया गया कि तुरंत दिल्ली दूरदर्शन से इन्हें बुलावा आया और हाल ही में वहां एक शानदार साक्षात्कार और ध्रुपद गायन की प्रस्तुति हुई। इसे दूरदर्शन के डीडी नेशनल और डीडी भारती चैनल पर प्रसारित किया गया। योगेश सक्सेना ने बताया कि ध्रुपद गायन क्रिकेट टेस्ट मैच की तरह है, जबकि ख्याल वनडे और फिल्मी गायन टी20 की तरह होते हैं। वहीं, मुकेश बताते हैं कि ‘ध्रुपद’ हमारी प्राचीन और महान विरासत है। यह प्रबंध गायन शैली का हिस्सा है। प्रबंध गान में लंबी कथाओं को छोटा करके पदों के जरिए गाया जाता है। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से दोनों भाइयों ने शास्त्रीय संगीत में प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री हासिल की।  ‘सक्सेना ब्रदर्स’ आकाशवाणी के हाई ग्रेड के कलाकार हैं।
देश के प्रतिष्ठित मंचों पर दी प्रस्तुति
दोनों अब तक भारत भवन भोपाल के अलावा  दिल्ली, मुंबई, बनारस, राजकोट, शिमला और अहमदाबाद के प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ चुके हैं।
एक ‘पत्रकार’ तो दूसरा ‘कवि’
दोनों भाई पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र से आये हैं। बड़ा भाई योगेश पत्रकारिता-जनसंपर्क में स्नातक भी है। लंबे समय तक देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र में न्यूज एडिटर के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। वहीं, मुकेश की पहचान एक हास्य-व्यंग्य के कवि के रूप में रही है। दोनों भाइयों का कहना है कि वे इस प्राचीन कला को जन-जन तक पहुंचाएंगे।

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