
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में डेढ़ माह से अधिक समय से चल रहे कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते हर दिन लगभग दो हजार करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ है। इस आधे- अधूरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने से व्यापारियों को अब भी व्यवसाय के रफ्तार पकड़ने पर संदेह बना हुआ है। इसकी वजह से इस नुकसान की भरपाई के लिए व्यापारियों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इस बीच बेरोजगार हुए लोगों को भी रोजगार मिलने की संभावना बनने लगी है। व्यापारिक संगठनों और आर्थिक जानकारों के मुताबिक करीब 50 दिनों से जारी लॉकडाउन की वजह से प्रदेश में करीब एक लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। इसी तरह से करीब एक लाख लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। इनमें लगभग 25 हजार वे कर्मचारी हैं जो पेरौल पर काम करते थे। यही नहीं लॉकडाउन की अवधि वाले समय में ही शादियों के मुहूर्त होने से बड़े पैमाने पर शादियां भी होनी थीं। जिसकी वजह से होटल्स, रेस्टोरेंट और केटरिंग कारोबारियों का पूरे साल का व्यवसाय होता है , लेकिन उन्होंने यह पूरा व्यापार ही गंवा दिया है। व्यापारियों का मानना है कि लॉकडाउन खुलने के बाद बाजार में कुछ ग्राहकी दिखने की संभावना है। लेकिन ज्यादातर जगह स्थाई कारोबारियों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई लंबे समय तक मुश्किल है। इसी तरह से अफसरों की माने तो राज्य सरकार को राजस्व में भी पचास फीसदी तक स्थाई नुकसान हुआ है , जिसका असर इस पूरे साल तक दिखाई देगा।
किस क्षेत्र में कितने नुकसान का अनुमान
ऑटोमोबाइल : भोपाल ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक प्रदेश में हर दिन लगभग 2200 दो पहिया वाहन और 900 चार पहिया वाहन बिकते हैं। करीब 90 हजार दो पहिया और 40 हजार चार पहिया वाहन नहीं बिकने से 4000 करोड़ के कारोबार का नुकसान हुआ। इससे व्यापारियों के साथ ही सरकार को भी 675 करोड़ रुपए के जीएसटी का नुकसान हो चुका है।
होटल्स, रेस्टोरेंट और केटरिंग : मप्र में लगभग 1200 होटल्स और करीब 2000 हजार रेस्टोरेंट हैं। लॉकडाउन में यह पूरी तरह से खाली रहे हैं। जिसकी वजह से दो माह में करीब 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इस व्यवसाय को अभी गति मिलने में अधिक समय लगना तय है। इसकी वजह है अब शादियों का मौसम लगभग समाप्त होने को तो है ही , साथ ही लोगों की मौजूदगी को लेकर जारी प्रतिबंध भी इसमें रोड़ा बना हुआ है।
पेट्रोल-डीजल : भोपाल पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन की माने तो प्रदेश में इस अवधि में पेट्रोल-डीजल की रोजाना होने वाली बिक्री में एक करोड़ दस लाख लीटर की कमी आयी है। प्रदेश में हर दिन सामान्य दिनों में 2 करोड़ लीटर की बिक्री होती है , जो कम होकर 90 लाख लीटर पर आ गई।
खुदरा कारोबार : वाणिज्यकर विभाग के एक पूर्व अफसर के मुताबिक मप्र में लगभग 25 हजार पंजीकृत जीएसटी डीलरों द्वारा हर माह 25 हजार करोड़ का कारोबार किया जाता है। इससे सरकार को करीब 1000 करोड़ का राजस्व मिलता है। इनकी दुकानें करीब 50 दिन से बंद होने की वजह से 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है।
कहां-कितना नुकसान नुकसान बेरोजगार
ऑटोमोबाइल सेक्टर 4000 10,000
होटल्स, रेस्टोरेंट, केटरिंग 13,000 20,000
पेट्रोल-डीजल 8,000 15,000
खुदरा व्यापारी 40,000 55,000
– नुकसान करोड़ रुपए में