जी हां.. आधा दर्जन विभागों के कामकाज से संतुष्ट नही शिवराज

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों आधा दर्जन विभागों की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं। इस नाराजगी का नजला अब इन विभागों के प्रमुखों पर बतौर तबादले के रूप में गिर सकता है। इसकी बानगी बीते रोज विभागों की समीक्षा के दौरान दिखाई दी, जब मुख्यमंत्री ने न केवल नाराजगी जताई , बल्कि हकीकत बताकर विभाग के अफसरों को आईना तक दिखा दिया। वे इस दौरान उन विभागों से बेहद नाराज दिखे जो निर्माण जैसे काम भी करते हैं। इस दौरान उनके द्वारा अफसरों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की नसीहत भी दी गई। बैठक में मुख्यमंत्री जनजातीय कार्य विभाग की परफॉरमेंस से बेहद नाराज नजर आए। इसकी वजह है आदिवासी छात्रावासों की हालत बेहद खराब होना। उन्होंने इस दौरान कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। केंद्रीय बजट से, राज्य सरकार जिन-जिन गतिविधियों में लाभ ले सकती है, उसकी प्रत्येक विभाग व्यावहारिक कार्य-योजना बनाए। आवास, शहरी अधोसंरचना, कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्यम, औद्योगिक विकास, सड़कों के निर्माण, जल जीवन मिशन के लिए केन्द्रीय बजट में किए गए प्रावधानों का अध्ययन कर प्रदेश के लिए अधिकतम सहयोग प्राप्त किया जाए।
जनजातीय विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि इनके हॉस्टल रिनोवेशन के लिए करीब 200 करोड़ रुपए चाहिए। इस पर प्रमुख सचिव वित्त ने चरणों में रिनोवेशन कराने का सुझाव दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि छात्रावास इतने जर्जर हो चुके हैं कि उनकी छतों से पानी टपक रहा है और आप कह रहे हैं कि उनकी मरम्मत का काम किस्तों में कराया जाए। यह नहीं चलेगा, जल्द ही काम कराएं। इस दौरान सामने आया कि डिंडोरी में एक आदिवासी छात्रावास के निर्माण के लिए पूरी सामग्री की तो खरीद कर ली गई, लेकिन अब तक उसका निर्माण कार्य ही शुरू नहीं किया गया है। इस पर नाराज होते हुए मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश देते हुए कहा कि विभाग को निर्माण कार्यों से ज्यादा सामग्री खरीदी की चिंता बनी रहती है। बैठक में विभागीय मंत्री मीना सिंह ने कहा कि जनजातीय और स्कूल शिक्षा विभाग में सामंजस्य नहीं होने की वजह से सीएम राइज स्कूल सरकार की मंशा के अनुरूप गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। इस पर प्रमुख सचिव जनजातीय और प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने एक साथ अपनी बात रखना शुरू कर दिया। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री रामेखलावन पटेल ने भी आदिवासी छात्रावासों की स्थिति पर चिंता जताते इनके जल्द रिनोवेशन की बात कही।
मंत्री भी प्राकृतिक खेती को दें प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कृषि विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि कृषि का विविधीकरण, मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन और प्राकृतिक तथा जैविक खेती राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्रि-परिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती है, वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें।
इससे लोग प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित होंगे और धरती का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस दौरान नर्मदा नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी की खेती में निर्धारित 22 उत्पाद का मैकेनिज्म विभिन्न जिलों के अधिकारियों तथा उत्पादकों के साथ तय किया जाए। उद्यानिकी उत्पाद, उनके गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए सम्पूर्णता में रणनीति बनाना और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। मधुमक्खी पालन को उन्हीं जिलों में प्रोत्साहित किया जाए जहाँ फूलों की खेती या फूलों वाली फसलें अधिक होती हैं।
जबलपुर में बनेगी गोबर से सीएनजी
 चौहान ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि गोबर से सीएनजी उत्पादन के प्लांट के लिए जबलपुर को चिन्हित किया गया है। बनारस में संचालित प्लांट का निरीक्षण करने जबलपुर से टीम भेजकर तत्काल प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। हरे चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक को भी प्रोत्साहित करें। इसके अलावा उनके द्वारा कम राशि में संचालित होने वाले बकरी और मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।
सहकारिता विभाग के अफसर भी रहे निशाने पर
मुख्यमंत्री सहकारिता विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए कि सहकारी समितियों में प्लॉट आवंटन को गंभीरता से लिया जाए। जिन समितियों ने गड़बड़ी की है उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने सहकारिता गतिविधियों का संपूर्ण कम्प्यूटराइजेशन आगामी छह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उनके निशाने पर इस विभाग के अफसर उनकी लचर कार्यशैली की वजह से  रहे।  
निर्माण कामों में गुणवत्ता तय करें
मुख्यमंत्री चौहान ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सजग रहें और दोषियों के प्रति किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं रखी जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों और अधो-संरचना निर्माण में बड़े पैमाने पर कार्य जारी है। साथ ही युवा इंजीनियर योजना में जिन इंजीनियरों को ठेकेदार बनना है, उनको प्रोत्साहन देने का काम करें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस का व्यावसायिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।

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