दुनिया का पहला टाइगर ब्रीडिंग सेंटर खुलेगा मप्र में

टाइगर ब्रीडिंग सेंटर
  • कहलाएगा सफेद टाइगर स्टेट …

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां पर दुनिया का पहला टाइगर प्रजनन केन्द्र खुलने जा रहा है। इसकी वजह से मप्र को सफेद टाइगर स्टेट का दर्जा मिलना तय है। यह सेंटर मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी जू  में ही खोला जाएगा। इस व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना के लिए केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति को तकनीकी समिति ने प्रस्ताव दिया था, जिसे स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह स्वीकृति बीते साल 9 और 7 दिसंबर को विशेषज्ञ समिति की और 19 दिसंबर,  को तकनीकी समिति की  बैठक में दी गई। उल्लेखनीय है कि अभी मप्र में चार सफेद टाइगर हैं।
यह है  इतिहास
किसी जमाने में दुनिया को पहले सफेद शेर देने वाला रीवा बदलते वक्त के साथ सफेद शेरों के मामले में दुनिया के नक्शे से गायब हो गया था। यहां एक भी सफेद शेर नहीं थे। हालांकि फिर से यहां सफेद शेर को बसाने की मुहिम शुरू हो गई है। बता दें कि महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने व्हाइट टाइगर सफारी बनाकर रीवा में सफेद शेरों को बसाया था। दरअसल, रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह एक समय जोधपुर के राजा अजीत सिंह के साथ सीधी के पनखोरा के जंगलों में शिकार पर थे। इस दौरान उन्हें एक अद्भुत नजरा देखा। एक शेरनी अपने तीन बच्चों के साथ जंगल में घूम रही थी। शेरनी और दो शावक सामान्य थे, लेकिन तीसरा अद्भुत था। पूरी तरीके से सफेद, जिसे देख महाराज मार्तण्ड सिंह चकित रह गए। महाराज ने उसे पकड़ लिया और फिर गोविंदगढ़ के किले में ले आए। किले में आने के बाद शावक का नाम मोहन रखा गया। मोहन दुनिया का पहला सफेद शेर था। आज दुनिया में जितने भी सफेद शेर हैं, सभी मोहन के वंशज हैं। हालांकि मोहन ने 19 दिसंबर, 1969 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।
खंधोमाता मंदिर के पास तलाशी जमीन
सीसीएफ रीवा राजेश कुमार राय ने बताया कि खंधोमाता मंदिर के पास इस प्रोजेक्ट के लिये जमीन चिन्हित की गई है। देश-प्रदेश के पहले सफेद बाघ मोहन का क्षेत्र भी यही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिलने के बाद स्थापना के काम में तेजी आएगी। जिसमें अधोसंरचना विकास मुख्य रूप से शामिल है।
जैव विविधता-पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने प्रदेश को मिली इस सौगात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रजनन केंद्र की स्थापना से जैव विविधता के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सफेद बाघ प्रजनन केंद्र स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। यह देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा, जिससे पर्यटन मानचित्र पर रीवा और सतना क्षेत्रों को एक अलग पहचान मिलेगी।
इसलिये सैटेलाइट केंद्र
महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिडिय़ाघर, मुकुंदपुर, सतना की संशोधित मास्टर (लेआउट) योजना के तहत, गोविंदगढ़, रीवा में व्हाइट टाइगर प्रजनन केंद्र के रूप में एक उपकेंद्र बनेगा। सैटेलाइट सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को ही केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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