- मोहन सरकार ला रही है नई योजना
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की मोहन सरकार अब स्टार्टअप पर फोकस करने जा रही है। यही वजह है कि इसके लिए नई योजना लाने की तैयारी है। इस योजना को सीड केपिटल फंड स्कीम के नाम से शुरू किया जाएगा। इससे स्टार्टअप शुरू करने के इच्छुक युवाओं को बिजनेस आइडिया पर काम करने में सहूलियत रहेगी।
इस नई योजना से स्टार्टअप शुरू करने वालों का वित्तीय मदद आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो प्रदेश में 4474 स्टार्टअप हैं। अभी इनमें केन्द्रीय योजनाओं का ही लाभ मिल सकता है। केन्द्र की योजना में पूरे देश के स्टार्टअप को लाभ दिया जाता है, लिहाजा, उसमें काफी समय लग जाता है। दरअसल, प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप ने जबलपुर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में स्टार्टअप को बढ़ावा देने स्कीम लाने की बात कही थी। जिसके बाद विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद योजना पर अमल होना शुरु होगा। सीड केपिटल किसी व्यवसाय या नए उत्पाद के लिए आइडिया को विकसित करने के लिए जरूरी धनराशि है। यह फंडिंग आमतौर पर केवल प्रस्ताव बनाने की लागत को कवर करती है। शुरुआती वित्त पोषण हासिल करने के बाद अतिरिक्त वित्त पोषण हासिल करने के लिए उद्यमी पूंजीपतियों से संपर्क कर सकते हैं।
इसलिए है जरूरत
किसी उद्यम के विकास के शुरुआती चरण में उद्यमियों को कोई भी वित्तीय सहायता नहीं देता, लेकिन आइडिया को जमीन पर उतारने, किसी प्रोडक्ट के प्रदर्शन के लिए प्रोटोटाइप बनाने और प्लान पर अमल शुरू करने के लिए प्रारंभिक पूंजी की आसानी से उपलब्धता जरूरी है। एंजेल निवेशक और बड़ी फाइनेंसिंग फर्म सफल उद्यमों को फंड उपलब्ध कराती हैं। बैंक उन्हें लोन देते हैं, जिनके पास गिरवी रखने के लिए संपत्ति हो, इसलिए अच्छे आइडिया वाले स्टार्टअप शुरू करने के लिए वित्तीय मदद की जरूरत होती है। यह सीड केपिटल फंड स्कीम से आसानी से संभव है। इससे किसी आइडिया को प्रमाणित करने, उत्पाद का प्रोटोटाइप विकसित करने, उत्पाद या सर्विस का परीक्षण करने, बाजार में उद्यम की शुरुआत करने में स्टार्टअप को मदद मिलेगी। इसके बाद वे विभिन्न साधनों से फंड जुटाकर विस्तार कर सकेंगे।
अभी स्टार्टअप को राज्य सरकार यह देती है सुविधाएं
– स्टार्टअप को सेबी पंजीकृत आल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड या आरबीआइ पंजीकृत बैंक से कुल निवेश की 15 प्रतिशत और अधिकतम 15 लाख तक की सहायता दी जाती है। यह मदद केवल चार बार मिलती है।
– महिलाओं और अजा, अजजा श्रेणी वालों स्टार्टअप को 3 प्रतिशत ज्यादा यानी 18 प्रतिशत तक मदद मिलती है।
– तीन साल तक के लिए 50 प्रतिशत लीज रेंट की प्रतिपूर्ति जो अधिकतम पांच हजार प्रतिमाह है।
– अपने उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए 25 लाख तक की सहायता मिलती है।
– स्टार्टअप द्वारा देश के घरेलू कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए प्रति आयोजन 50,000 तक के खर्च का 75 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए प्रति आयोजन डेढ़ लाख तक खर्च की प्रतिपूर्ति सरकार करती है।