एनीमिया के कारण रक्तदान में पिछड़ी मप्र की महिलाएं

एनीमिया

मप्र की 85 फीसदी महिलाएं ब्लड डोनेशन एक लिए अनफिट

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ने रक्तदान को लेकर इस साल के 6 महीने में हुए ब्लड कलेक्शन में पांच साल का अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल जनवरी से जून तक 2 लाख 7 हजार 811 यूनिट ब्लड कलेक्शन हुआ है। साल 2018-2019 और 2020 को मिलाकर कुल 1 लाख 9 हजार 311 यूनिट ब्लड कलेक्ट हुआ था।
देश में इस साल सबसे ज्यादा ब्लड कलेक्ट करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश देश में पांचवें नंबर पर है, लेकिन इसमें महिलाओं की भागीदारी महज ग्यारह हजार यूनिट यानि पांच फीसदी के आसपास ही है। यह चौंकाने वाली जानकारी मप्र रक्ताधान परिषद की ब्लड बैंक की एनालिसिस रिपोर्ट से सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बीते चार साल में करीब 13.5 लाख यूनिट ब्लड कलेक्शन किया गया। इसमें से 12 लाख 9 हजार यूनिट पुरुषों द्वारा रक्तदान से मिला वहीं महिलाओं द्वारा महज 48 हजार यूनिट रक्त का दान किया गया। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि इसके पीछे जागरूकता की कमी से ज्यादा हालात और भ्रांतियां जिम्मेदार हैं। वहीं प्रदेश की 85 फीसदी महिलाएं ब्लड डोनेशन के लिए अनफिट पाई जाती हैं।
पिछले साल के मुकाबले मध्यप्रदेश में इस साल के 6 महीने में ही 117 फीसदी रक्तदान हुआ है। पिछले साल जनवरी से दिसंबर तक 1 लाख 76 हजार यूनिट ब्लड कलेक्शन हुआ था। इस साल दो लाख 7 हजार यूनिट रक्त दान हुआ है। एमपी के बाद राजस्थान में भी रक्तदान बढ़ा है। पिछले साल राजस्थान में 58496 यूनिट ब्लड कलेक्शन हुआ था, जबकि इस साल के छह महीने में 74386 यूनिट ब्लड जमा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि देश में सबसे ज्यादा 460 ब्लड सेंटर उत्तरप्रदेश में हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 374 रक्त केन्द्र हैं। मप्र में कुल 180 रक्त केन्द्र हैं। इनमें 71 सरकारी और 109 निजी ब्लड सेंटर हैं। इनमें सरकारी और प्राइवेट ब्लड सेंटर्स के जरिए मरीजों को ब्लड मिलता है।
महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत ज्यादा
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलिमा अग्रवाल बताती हैं कि महिलाओं में जागरूकता की कमी है। कई महिलाएं लगातार रक्तदान करती हैं। यह जागरूकता से ज्यादा महिलाओं की शारीरिक स्थिति के कारण होता है। महिलाओं में अक्सर खून की कमी होती है। वे बताती हैं कि हमारे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत ज्यादा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गृहणी महिलाएं घर से बाहर कम निकलती हैं। ऐसे में उन्हें रक्तदान के अवसर पुरुषों के मुकाबले कहीं कम मिलते हैं। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रांतियां भी इसके पीछे बड़ा कारण है। कोरोना काल मे रक्तदान में आई कमी के बाद एक बार फिर ब्लड डोनेशन का आंकड़ा बढ़ने लगा है। साल 2020/21 तक प्रदेश में 3.5 लाख यूनिट का रक्त संग्रहण किया गया। इस साल जनवरी से जून तक छह महीने में 2 लाख 7 हजार 811 यूनिट ब्लड कलेक्शन हुआ है। देश में इस साल सबसे ज्यादा ब्लड कलेक्ट करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश देश में पांचवें नंबर पर है ।
 85% महिला ब्लड डोनेशन के लिए अनफिट
हमीदिया अस्पताल के ब्लड बैंक अधिकारी डॉ. यूएम शर्मा का कहना है कि महिलाओं द्वारा रक्तदान कम करने की बड़ी वजह उनके शरीर में रक्त कमी ही है। हम जब भी ब्लड डोनेशन कैंप लगाते हैं तो वहां 85 फीसदी महिला ब्लड डोनेशन के लिए अनफिट पाई जाती हैं। अक्सर डाईटीशियन युवा महिला रक्त दाताओं के डाइट प्लान को देखकर उन्हें रक्तदान से मना कर देती हैं। गांवों में महिलाओं में पर्याप्त पोषण की कमी के चलते हीमोग्लोबिन कम रहता है।

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