70 सीटों के सहारे सत्ता में होगी वापसी!

मिशन 2023: कांग्रेस ने बनाया मेगा प्लान

कांग्रेस

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मार्च 2020 में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को  जीतने के लिए मेगा प्लान बनाया है। इसके तहत पार्टी उन 70 सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है जहां , वह लगातार हारती आ रही है। इन सीटों को जीतने के लिए पार्टी ने दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को मोर्चे पर उतार दिया है। वहीं क्षेत्रवार भी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगातार हारी हुई 70 विधानसभा सीटों पर पार्टी के बड़े नेताओं की सभाएं और दूसरे कार्यक्रम कर किए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि 3-4 विधानसभा सीट को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। इससे एक साथ कई सीटों का साधा जा सकेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन सभी सीटों पर अधिक से अधिक सक्रियता बढ़ाई जाएगी। ज्यादातर इकाईयां अपने -अपने टारगेट ग्रुप के बीच आउटरीच प्रोग्राम चलाना शुरू भी कर चुके हैं। हर विधानसभा सीट पर तीन से पांच दिन के शिविर लगाए जाएंगे। इसका दायित्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सेवादल को दिया है। ये यहां हार के कारणों के साथ वर्तमान विधायकों की कमजोरी, क्षेत्र की प्रमुख समस्या का पता लगाएंगे।
बागियों की सीटों पर भी फोकस
सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में जाने वाले विधायकों की सीटों के साथ उन विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां लगातार पराजय मिल रही है। सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार आठ बार हार चुकी है। प्रदेश में संगठन के मुख्य संगठक योगेश यादव का कहना है कि मई-जून से विधानसभा क्षेत्रवार शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसमें कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियां बताने, क्षेत्र की चुनौतियों को चिन्हित करने, सभी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने, मतदाताओं से संपर्क के दौरान चर्चा के बिंदुओं के बारे में भी बात जाएगी। साथ ही वर्तमान विधायकों की कमजोरी और क्षेत्र की समस्याओं पर भी जानकारी लेकर प्रतिवेदन तैयार करके प्रदेश कांग्रेस को दिया जाएगा ताकि संगठन को चुनाव की तैयारी में सहयोग मिल सके।
मई-जून में लगाए जाएंगे शिविर
कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराने के साथ मतदाताओं से संपर्क और उनसे चर्चा के प्रमुख बिंदुओं के बारे में भी बताया जाएगा। शिविर मई-जून में लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि  कांग्रेस रहली, नरयावली, सागर, बीना, गुना, शिवपुरी, दतिया, डा.आंबेडकर नगर (महू), इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, बिजावर, चांदला, पथरिया, हटा, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, रामपुरबघेलान, रीवा, सीधी, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जयसिंह नगर, जबलपुर, कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, हरसूद, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मंदसौर, मल्हारगढ़, नीमच और जावद आदि सीटों पर लगातार चुनाव हार रही है।
कमलनाथ सीएम फेस
प्रदेश में कांग्रेस कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। इस बात पर पार्टी के लगभग सभी बड़े नेताओं ने मुहर लगा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मप्र में विधानसभा चुनाव में बहुमत से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा किया है। विदिशा के शमशाबाद पहुंचे दिग्विजय सिंह से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी, इस पर उन्होंने कहा कि बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए। कांग्रेस इससे ज्यादा सीटें जीतेगी। मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारा एक ही चेहरा है और वो हैं- कमलनाथ । शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना को दिग्विजय ने चुनावी स्टंट बताया। उनका कहना था कि भाजपा की सरकार 2003 में आई थी, अगर 15 महीनों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी के 18 साल में बहना की याद क्यों नहीं आई? यह एक चुनावी स्टंट है।

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