क्या ‘लोकसभा’ को साध पाएंगे राहुल?

राहुल गांधी
  • बेअसर रही भारत जोड़ो यात्रा, अब न्याय यात्रा से आस

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मतदाताओं को साधने के लिए अब न्याय यात्रा निकालने जा रहे हैं। यह यात्रा मप्र की 5 लोकसभा सीटों से होकर गुजरेगी। राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया कि न्याय यात्रा लोकसभा चुनाव पर कितना प्रभाव डालेगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इस यात्रा में भीड़ भी खुब जुटी। यात्रा में उमड़ी भीड़ को देखकर कांग्रेसी काफी उत्साहित भी हुए और दावा किया जाने लगा कि मप्र के विधानसभा चुनाव में इस यात्रा का असर पड़ेगा। लेकिन कांग्रेस के दावों के विपरीत भारत जोड़ो यात्रा बेअसर रही। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या न्याय यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी ‘लोकसभा’ को साध पाएंगे?
गौरतलब है कि देश में आने वाले साल में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए देखा जाए तो अब महज कुछ ही महिनों का समय बचा हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर पैदल यात्रा पर निकलने वाले हैं। कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब दूसरी यात्रा निकालने की घोषणा की है। कांग्रेस ने इस यात्रा का नाम भारत न्याय यात्रा रखा है, जोकि 14 जनवरी से शुरू होगी। मणिपुर से मुंबई तक होने वाली इस यात्रा में कांग्रेस 6,200 किलोमीटर की देरी तय करेगी। ये यात्रा मप्र से होकर भी गुजरेगी।
जहां निकलेगी न्याय यात्रा, वहां कांग्रेस की स्थिति
राहुल गांधी की जो यात्रा मणिपुर से लेकर महाराष्ट्र तक होने वाली है, उसमें लोकसभा की कुल सीटें हैं 355। और इनमें फिलवक्त कांग्रेस के पास हैं महज 14 सीटें। सहयोगी दलों को भी जोड़ लें, जो अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा हो चुके हैं तो, ये सीटें पहुंचती हैं 67। ऐसे में न्याय यात्रा के जरिए 355 में से राहुल गांधी की नजर कम से कम 200 सीटों पर होगी ताकि वो दक्षिण भारत के सहयोगियों के जरिए आंकड़े को 272 के पार लेकर जा सकें। लेकिन क्या ये इतना आसान है, इसका जवाब अब भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में खोजने पर मिल जाता है। इस मेगा यात्रा में बस का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनके जरिए 14 राज्यों के 85 जिलों का कवर किया जाएगा। 6200 किलोमीटर की इस यात्रा में कांग्रेस जिन राज्यों को कवर करेगी, उनमें मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। इस यात्रा में अधिकतम लोगों तक पहुंचने वाली बस होगी। इसके अलावा यात्रा में शामिल नेता समय-समय पर कुछ देर तक पैदल भी चलेंगे।
न्याय यात्रा पर राजनीति
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगले महीने से शुरू हो रही भारत न्याय यात्रा पर मप्र में राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं ने कटाक्ष किया है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि जहां- जहां पैर पड़े राहुल के, वहां-वहां जमानत हुई जब्त। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि हाल ही में राहुल गांधी के नेतृत्व में एक यात्रा निकली थी, उस यात्रा का क्या हुआ। यात्रा के दौरान राहुल गांधी जहां से निकले, उन क्षेत्रों मैं पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस पार्टी ने इतने वर्षों तक देश की जनता के साथ जो अन्याय किया है, राहुल गांधी यदि उसके लिए माफी यात्रा निकालें, तो बेहतर होगा। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार ने इस देश के गरीबों के साथ अन्याय किया है और ऐसे लोगों को न्याय दिलाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। वहीं मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना  है कि राहुल जी ने इससे पहले देश में भारत जोड़ो यात्रा की थी। आधुनिक भारत के पहले शख्स थे, जिन्होंने देश में भाईचारे के लिए, प्रेम के लिए, प्यार के लिए भगवान राम-कृष्ण और भारत वर्ष के जो मूल विचार हैं, इंसानियत की रक्षा के लिए, प्राणियों में सद्भावना हो इस विश्वास के लिए यात्रा निकाली थी। पूरे देश ने उसे आत्मसात किया था। अब न्याय यात्रा निकाली जा रही है। पटवारी ने यह भी कहा कि राजनीतिक रूप से जो तानाशाही देश में चल रही है, लोकतंत्र की हत्या करने का जो दुष्चक्र चल रहा है। विधायकों और सांसदों को अपने अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। वोट की ताकत को कम किया जा रहा है। व्यापक रूप से दलबदल किया गया। इसके खिलाफ और सामाजिक जनजागरण के लिए न्याय यात्रा है।
मप्र की 5 लोकसभा सीटों से होकर भी गुजरेगी यात्रा
भारत जोड़ो की तरह राहुल की न्याय यात्रा भी मप्र से होकर भी गुजरेगी। पिछले साल 23 नवंबर से चार दिसंबर 2022 के बीच भारत जोड़ो यात्रा ने मप्र के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के छह जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा से होकर 380 किमी की दूरी तय की थी। इस बार रूट दूसरा होगा। सूत्रों का कहना हैं कि न्याय यात्रा मप्र की पांच लोकसभा सीटों को कवर करेगी। एआईसीसी ने यात्रा का जो मैप जारी किया है, उसके मुताबिक राहुल की न्याय यात्रा मप्र की गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट, विदिशा, सागर, टीकमगढ़, और खजुराहो लोकसभा सीट से निकलेगी। अब कहने को तो कांग्रेस कह रही है कि राहुल गांधी की ये यात्रा आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के लिए होगी, लेकिन असल सवाल तो ये है कि क्या राहुल गांधी अपनी इस यात्रा के जरिए अपनी खुद की पार्टी कांग्रेस के साथ न्याय कर पाएंगे और उससे भी बड़ा सवाल कि क्या राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए कांग्रेस की सीटों में कम से कम इतना इजाफा कर पाएंगे कि लोकसभा में पार्टी के सांसदों की संख्या तीन अंकों तक पहुंच जाएगी। यूं तो पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के नेता दावा करते हैं कि इन राज्यों में मिली सफलता की सबसे बड़ी वजह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रही है। हालांकि इसी यात्रा के बावजूद कांग्रेस राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मप्र क्यों हार गई, इसका जवाब कोई भी कांग्रेसी नहीं देना चाहता। असफलता से मुंह मोडक़र  सफलता के दो उदाहरण सामने रख अब कांग्रेस राहुल गांधी के लिए एक और 6600 किलोमीटर लंबी यात्रा के लिए तैयार है, जिसे नाम दिया गया है न्याय यात्रा।

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