- चार अध्यक्षों के विधायक बनने से नए सिरे से हो रहा है चुनाव
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के चार जिलों में निर्वाचन के एक दिन पहले नए जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। इसकी वजह से जबलपुर, अशोकनगर, खंडवा और सीहोर जिले को अब करीब एक माह तक नए जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए इंतजार करना होगा। दरअसल इन जिलों में इस पद के रिक्त होने की वजह है, अध्यक्षों का विधायक निर्वाचित होना। विधायक बनने के बाद अध्यक्षों द्वारा इस्तीफा दे दिया गया था, जिसकी वजह से नए अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए आज यानी कि 30 दिसंबर की तारीख तय कर दी गई थी। बीते रोज अचानक से चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए रिक्त हुए सदस्यों के पदों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने शाम को आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि पहले खाली सदस्य पद के चुनाव होंगे। उसके बाद अध्यक्ष चुने जाएंगे। जबलपुर के सिहोरा से संतोष बरकड़े, खंडवा जिले से कंचन तनवे, अशोकनगर जिले के चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी एवं सीहोर जिले के आष्टा से गोपाल इंजीनियर अध्यक्ष रहते विधायक चुने गए हैं। इस्तीफे के कारण अध्यक्ष पद के साथ ही संबंधित वार्ड के सदस्य का पद रिक्त हो गया। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आयोग ने 22 दिसंबर को अधिसूचना जारी की थी।
बिगड़ गए हैं समीकरण
जबलपुर जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष बरवड़े सिहोरा से विधायक बन चुके हैं। उनके इस्तीफा के बाद जिपं जबलपुर की 16 सदस्यीय परिषद में भाजपा के सात और कांग्रेस के आठ सदस्य रह गए थे, जबकि पूर्व में दोनों दलों के आठ- आठ सदस्य निर्वाचित हुए थे। बीते साल हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के एक सदस्य से क्रॉस मतदान करा लिया था, जिससे बरबड़े अध्यक्ष बन गए थे। भाजपा ने कांग्रेस की आशा गोंटिया और अंजली पाण्डेय को अब कांग्रेस से अपने पाले में ले लिया था। खंडवा जिले में भले ही भाजपा के सदस्यों की संख्या अधिक हैं, लेकिन पद का आरक्षण उसके आड़े आ रहा है। भाजपा के आठ जो कांग्रेस के सात सदस्य होने के बाद भी निर्दलीय को कंचल तनवे अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। यहां अध्यक्ष की सीट का अजा के लिए आरक्षित है। तनवे अब विधायक बन चुके हैं। इस वर्ग के दो वार्ड आरक्षित हैं, जिनमें से एक पर कांग्रेस का सदस्य है, जबकि अब दूसरे पर चुनाव हो रहा है। ऐसे में सभी की निगाह अब नए सदस्य पर ठिक गई हैं। इससे पूर्व कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तय था, क्योंकि भाजपा के पास आरक्षित श्रेणी का प्रत्याशी ही नहीं था।
अशोकनगर में भी उलझा है मामला
अशोकनगर में भी जिला पंचायत अध्यक्ष जगन्नाथ रघुवंशी विधायक बन चुके हैं। यहां पर उपाध्यक्ष बबीता यादव के पति मोहन भाजपा में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि बबीता अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा का साथ देंगी।
सीहोर में कांग्रेस को लगा झटका
यहां पर अध्यक्ष गोपाल इंजीनियर आष्टा से विधायक बन चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस को बीते रोज बड़ झटका तब लगा , जब उसके दो सदस्य अचानक कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए। अहम 1 बात यह है कि कांग्रेस समर्थित एक सदस्य राजू राजपूत तो वह हैं, जिन्हें पार्टी अध्यक्ष पद के लिए दावेदार के रुप में पेश कर रही थी। उनके साथ ही श्यामपुर क्षेत्र के सदस्य रुखसार खान भी भाजपा में चली गई हैं। अब 16 में से भाजपा के पास 10 सदस्य हो गए हैं।