- सर्वे, संगठन के फीडबैक का भी लिया जा रहा है सहारा
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में निकाय चुनावों की घोषणा होते ही भाजपा का संगठन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। भाजपा के सामने पुरानी जीत को दोहराने की बड़ी चुनौति बनी हुई है। यही वजह है की भाजपा सभी नगर निगमों में महापौर पद के प्रत्याशियों की तलाश में लग गई है। इसके लिए अब भाजपा द्वारा सबसे अधिक जीत की संभावना वाले नामों की तलाश की जा रही है। इसके लिए पार्टी द्वारा सर्वे और संगठन के फीडबैक का सहारा लिया जा रहा है।
संगठन से फीडबैक के लिए बिंदुवार जानकारी मांगी गई है। इसके साथ ही पार्टी में संगठन स्तर पर चुनाव प्रबंधन संबंधी तैयारियों के लिए बैठकों के दौर तेज हो गए हैं। निकाय चुनावों में जीत हासिल करने व मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा संगठन ने 25 हजार लाभार्थियों के वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डालने का भी तय कर लिया है। इन संदेशों को बूथ स्तर तक प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल प्रदेश के सभी 16 निगमों पर पिछली बार भाजपा के महापौर ही जीत कर आए थे। इसकी वजह से इस बार पार्टी के सामने सभी सीटों पर जीत दर्ज करने की चुनौति बनी हुई है, जबकि कांग्रेस के पास नगर निगमों में खोने के लिए चुनाव में कुछ भी नहीं है। इसकी वजह से ही इस मामले में संगठन हर संभव प्रयासों में लगा हुआ है। सत्ता-संगठन की ओर से सर्वे भी कराया जा रहा है। सत्ता-संगठन के वरिष्ठ नेताओं को भी जवाबदारी सौंप दी गई ह। इन चुनावों को प्रदेश की राजनीति में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सेमिफायनल के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में अगर भाजपा महापौर के चुनाव में कुछ सीटों पर हारती है तो इसे कांग्रेस की उपलब्धि और भाजपा की कमजोरी के तौर पर प्रचारित किया जाएगा। भाजपा मुख्यालय में स्थानीय निकाय संबंधी प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति की बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर विचार मंथन के साथ ही बीते रोज भोपाल और उज्जैन सहित प्रदेश के कई जिलों में जिला कोर कमेटियों की बैठक में संगठन के कार्यक्रमों पर विचार विमर्श के अलावा चुनाव के संदर्भ में यह राय बनी कि प्रदेश की गाइडलाइन आने के बाद ही निचले स्तर पर जवाबदारियां दी जाएं। फिलहाल माना जा रहा है की एक दो दिन में गाइडलाइन तय कर उसका खुलासा कर दिया जाएगा।
मंत्री व सांसदों को गृह क्षेत्र में जाने का फरमान
पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही भाजपा के प्रदेश संगठन ने फरमान जारी किया कि मंत्री और सांसद दौरे समाप्त कर अपने गृहक्षेत्र में पहुंचकर चुनाव संबंधी तैयारी देखने को कह दिया गया है। इसके अलावा सभी जिलों के अध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र
के जनप्रतिनिधियों के साथ पदाधिकारियों कीे बैठक लेकर चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने को भी कहा गया है। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसके अलावा मंत्रियों, सांसदो औश्र विधायकों से मतदान होने तक अपना क्षेत्र नहीं छोड़ने को कहा गया है।
बांटी जाएंगी उपलब्धि की बुकलेट
भाजपा ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रचार में भाजपा संगठन जनता के बीच केंद्र की मोदी सरकार के 8 साल की उपलब्धियों की एक बुकलेट बांटने की तैयारी कर रही है। इस प्रचार प्लान पर अमल करते हुए बीजेपी ने सैकड़ों की संख्या में बुकलेट छपवाई हैं। अब इन्हें जनता के बीच बांटा जाएगा और सरकार की उपलब्धियां गिनाई जाएंगी। इससे यह तो तय है की इन चुनावों में भी पार्टी का चहेरा नरेन्द्र मोदी व शिवराज सिंह ही रहने वाले हैं।
शिव व वीडी मिलकर करेंगे उम्मीदवारों का चयन
महानगरों में शुमार भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के अलावा अन्य सभी निगमों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ही महापौर प्रत्याशी का नाम तय करेंगे। इस पद के लिए सभी शहरों के दावेदारों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है। भोपाल में महापौर पद एक बार फिर ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इसलिए पार्टी में कई दावेदार सक्रिय बने हुए हैं। इनमें 1999 में महापौर चुनाव लड़ कर पराजित चुकी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री राजो मालवीय और पार्षद चुनाव हार चुकी मालती राय का नाम भी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजधानी में विचार परिवार से ही किसी नए चेहरे को लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल में गोविंदपुरा की विधायक और पूर्व महापौर कृष्णा गौर का नाम भी पार्टी स्तर पर चर्चा में आया है। लेकिन कृष्णा गौर ने इसके लिए अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उनकी रुचि
महापौर के बजाए विधानसभा क्षेत्र में ही काम करने की दिख रही है।
सोशल मीडिया पर रहेगा फोकस
भाजपा ने इस बार निकाय चुनाव में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम एवं यूट्यूब सहित अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी फोकस करने का तय किया है। इन सभी पर लाभार्थियों के वीडियो संदेश के अलावा सरकार की उपलब्धियों के अलावा अन्य तरह की जानकारी का भी बूथ स्तर तक प्रचार प्रसार किया जाएगा।
यह भी हो सकती है गाइड लाइन
बताया जा रहा है की भाजपा में प्रदेश संगठन द्वारा टिकट वितरण के लिए गाइडलाइन लगभग तय कर ली गई है। उसकी घोषणा होना ही शेष है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार महापौर पद के लिए पार्टी सक्रिय राजनीति से इतर चर्चित चेहरों पर भी दांव लगा सकती है। इसके अलावा पार्षद व नेताओं के परिजनों को भी प्रत्याशी बनाने से तो परहेज करेगी ही साथ ही उन नेताओं को भी प्रत्याशी नहीं बनाएगी, जो लगातार कई बार से पार्षद बनते आ रहे हैं।