कौन बनेगा सूचना आयुक्त? रिटायर्ड अफसर, पत्रकार, समाजसेवी हुए सक्रिय

आईएएस अफसर
  • अब तक करीब सवा सौ आवेदन पहुंचे सरकार के पास…
    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    एक अनार और 100 बीमार की तर्ज पर मप्र में सूचना आयुक्त बनने के लिए आठवीं पास से लेकर सेवानिवृत आईएएस, सेवानिवृत जज तक कतार में हैं। सूचना आयुक्त के तीन पदों के लिए 121 आवेदन आए हैं। इस बार सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह किसको सूचना आयुक्त बनाए, क्योंकि इसके लिए सेवानिवृत्त एसीएस सहित एक दर्जन से अधिक आईएएस अफसर, पत्रकार और समाजसेवियों ने आवेदन किया है।
    गौरतलब है कि सूचना आयुक्त का पद रसूख का प्रतीक बन गया है। प्रदेश में सूचना आयुक्त के पद पर तैनात होने वाले सूचना आयुक्तों को दो लाख 25 हजार मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा उन्हें नि:शुल्क वाहन, ड्राइवर, भृत्य और अन्य स्टाफ की सुविधा मिलती है। इसलिए इस पद के लिए आईएएस, पत्रकारों और समाजसेवियों में आकर्षण बढ़ा है।
    आठवीं पास से लेकर जज कतार में
    सूचना आयुक्त के रसूख का आंकलन इसी से किया जा सकता है कि इस बार आठवीं पास से लेकर राज्य में अपर मुख्य सचिव के पद पर काम कर चुके रिटायर्ड अफसर, रिटायर्ड जज, पत्रकार और समाजसेवी सूचना आयुक्त बनने के लिए कतार में है। प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त रह चुके केके सिंह, पिछले माह सचिव के पद से रिटायर हुए आईएएस एमके अग्रवाल, रिटायर्ड आईएएस एमबी ओझा, भोपाल संभागायुक्त पद से रिटायर हुए कवीन्द्र कियावत और उनकी पत्नी आयुक्त लोक शिक्षण के पद से रिटायर हुई आईएएस जयश्री कियावत भी सूचना आयुक्त बनने के लिए कतार में है। लोकायुक्त में सलाहकार रही रिटायर्ड जज रश्मि अग्रवाल ने भी सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किया है। राज्य सूचना आयोग में जिस तरह राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई समाजसेवी, पत्रकारों को मौका मिलता रहा है उसको देखते हुए इस बार भी अघोषित रूप से भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस से जुड़े कई पत्रकारों, समाजसेवियों ने इस बार सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किए है। संभावना है कि इस बार भी राजनीतिक दलों से जुड़े दो पत्रकारों को सूचना आयुक्त बनाया जा सकता है।
    बढ़ सकती है आवेदन की तिथि
    पहले  सूचना आयुक्त का कार्यकाल 5 साल का था, अब 3 साल का कर दिया गया है। उसके बाद भी इस पद का क्रेज कम नहीं हुआ है। इस बार सूचना आयुक्त के पदों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने आॅफलाइन आवेदन करने का विकल्प नहीं दिया था जिसके चलते कई लोग आवेदन करने से वंचित रह गए है। इसको लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। इसके चलते सूचना आयुक्त के पदों के लिए आवेदन करने की तिथि एक बार फिर बढ़ सकती है। राज्य सूचना आयोग ने सूचना आयुक्त के रिक्त पदों पर तैनाती करने के लिए इस बार आॅनलाइन आवेदन बुलाए थे।
    बेरोजगार से लेकर पटवारी ने भी किया आवेदन
    सूचना आयुक्त के पद और वेतन-भत्तों, सुविधाओं का इतना अधिक क्रेज है कि सतना में सरकारी नौकरी कर रहे एक पटवारी ने भी सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किया है। आठवीं पास बेरोजगारों ने भी सूचना आयुक्त बनने आवेदन किया है। प्रदेश में सूचना आयुक्त के पद पर तैनात होने वाले सूचना आयुक्तों को दो लाख 25 हजार मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा उन्हें नि:शुल्क वाहन, ड्राइवर, भृत्य और अन्य स्टाफ की सुविधा मिलती है। सूचना आयुक्त रहते हुए आयुक्त प्रदेश में जिस जिले और संभाग की जिम्मेदारी संभालते है वहां के जमकर दौरे भी करते है। इतनी सुविधाओं और मोटे वेतन के चलते आईएएस अफसर भी इस पद पर आवेदन कर रहे है।

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