मामा के मन में क्या चल रहा?

शिवराज सिंह चौहान
  • अचानक क्यों बदल गया शिवराज का हाव-भाव-स्वभाव

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। यानी प्रदेश में शिवराज युग के बाद अब मोहन युग शुरू हो गया है। अब सबकी नजर शिवराज सिंह चौहान पर है। आखिर उनके मन में क्या है।  दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने विगत दिनों के दौरान जिस तरह के बयान दिए हैं, उसने राजनीतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आखिर अचानक शिवराज के हाव-भाव और स्वभाव क्यों बदल गया है। मप्र की सत्ता के लगभग 18 साल सरताज रहे शिवराज सिंह चौहान ने पिछले एक महीने कई ऐसे बयान दिए हैं, जो चर्चाओं में रहे हैं। राजनीति के विश्लेषक इसका अलग मंतव्य निकाल रहे हैं, तो उनकी करीबी दावा करते हैं कि शिवराज सिंह चौहान का जनता के प्रति भाव दिल से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि पूर्व सीएम, शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के बाद कई बयान दिए हैं। विशेषकर परिणाम आने के बाद उनके बयान सुर्खियां बनी हैं। विश्लेषक मान रहे हैं कि इससे चौहान को राजनैतिक नुकसान हुआ है। दरअसल, तीन दिसंबर को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए और मध्य प्रदेश में बीजेपी को सत्ता मिली तो उम्मीद की जा रही थी कि इस बंपर जीत का इनाम मामा को मिलेगा और वह सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। सीएम के चयन तक शिवराज जी-जान से मैदान पर काम कर रहे थे। वह 2024 की तैयारी की भी बात कह रहे थे, लेकिन जब से मोहन यादव के नाम का ऐलान हुआ है, तब से उनके हाव-भाव बदले-बदले से नजर आ रहे हैं।
बयानों के कारण चर्चा में
चुनाव से पहले अक्टूबर माह में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक भाषण देते हुए कहा था कि मैं चला गया तो बहुत याद आऊंगा, ऐसा भैया मिलेगा नहीं। वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलनें के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर से अपना बायो भी बदल दिया है। उन्होंने ट्विटर (वर्तमान में एक्स) पर केवल मामा और भाई और पूर्व मुख्यमंत्री लिखा नजर आ रहा है। उन्होंने कई बार बयान दिए कि वे दिल्ली नहीं जाएंगे। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि मैं (दिल्ली) जाकर अपने लिए कुछ मांगने के बजाय मर जाना पसंद करूंगा। अपनी माता बहनों के लिए चालू की गई योजनाओं को भी बंद नहीं होने दूंगा। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 20 दिसम्बर को अपनी विधानसभा क्षेत्र बुधनी में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, टाइगर अभी जिंदा है। उन्होंने कहा था कि इस बात की चिंता करने की जरुरत नहीं है, कि उनका क्या होगा। मैं अब भी यहीं हूं। चौहान वर्ष 2018 में टाइगर अभी जिंदा है बयान दिया था। अक्टूबर माह में ही डिण्डौरी में एक सभा में कहा था कि मुझे दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं। इससे पहले उन्होंने जनता से पूछा था कि वे चुनाव लड़े या नहीं। मामा और भैया से बड़ा कोई पद नहीं है। मेरे भांजे-भांजियों, मुझे लगता है हर एक को कैसे मैं सीने से लगाऊ माथा चूमूं। उनको प्यार करूं और उनकी जिंदगी कैसे बेहतर बना पाऊं, 24 घंटे केवल एक ही सोच दिमाग में रहती है। ये अपना परिवार है। मामा और भैया का जो पद है, वो दुनिया में किसी भी पद से बड़ा पद है, इससे बड़ा पद कोई नहीं है। सागर में भी कहा था कि मैं लाड़ली लक्ष्मी योजना और लाडली बहन योजना जैसी योजनाओं को बंद नहीं होने दूंगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रति बहनों का प्रेम कितना प्रगाढ़ है कि उन्हें सीएम नहीं बनाए जाने के बाद उनसे मिलने महिलाएं सीएम हाउस पहुंची और उनसे लिपट कर रोई। इसी तरह विदिशा पहुंचे चौहान को महिला समर्थकों ने उन्हें घेर लिया, जो भावुक होकर रोने लगीं और उन्हें गले लगा लिया। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 13 दिसम्बर को मोहन यादव के सीएम पद की शपथ से पहले कहा था कि और अब विदा, जस की तस दीनी चदरिया। हालांकि उन्होंने नए सीएम को शुभकामनाएं देते हुए पूर्ण सहयोग करने देने की बात कही थी।

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