किस जिले में क्या हैंं स्कूलों के हाल हर माह चलेगा पता

स्कूलों के हाल

– जिलों की रैंकिंग सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित करने के निर्देश
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
सूबे में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने और सरकारी स्कूलों के हालातों पर नजर रखने के लिए अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश पर राज्य शिक्षा केंद्र अमल करने जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी 52 जिलों की रैंकिंग तैयार करने का काम किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग इस माह से सभी जिलों में किए जाने वाले कामों के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय करेगा। हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर प्रदान किए जाएंगे और इसकी जानकारी सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारियों के साथ ही जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों को भी दी जाएगी। दरअसल गुणवता एवं समय सीमा में कार्य निष्पादन के साथ ही जिलों के मध्य एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने की दृष्टि से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी जिला शिक्षा केंद्रों, डाइटस और शिक्षा महाविद्यालयों जैसे प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यों को हर माह कसौटी पर कसा जाएगा। जिलों के प्राप्तांकों के आधार पर सुधारात्मक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैंकिंग तैयार कर 20 मई को जिलों के मध्य जारी की जायेगी। जिस पर सभी जिला कलेक्टर्स से सुधारात्मक सुझाव एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएगी। जिलों से प्राप्त सुझावों एवं आपत्तियों के आधार पर आवश्यक संशोधनों के बाद अंतिम रुप से जिलों की रैंकिंग निर्धारित कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी।
इन बिंदुओं से तय होगी रैंकिंग : धनराजू एस ने बताया कि प्राथमिक स्कूली शिक्षा की प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इसे मुख्यत: बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियाँ, शिक्षकों का व्यवसायिक विकास, समानता, अधो-संरचना एवं भौतिक सुविधाएं सुशासन प्रक्रियाएं और वित्तीय प्रबंधन तथा अन्य कार्यक्रम जैसे 7 मुख्य भागों में बांटा गया है। इनमें माह की प्राथमिकता के अनुसार सम-सामायिक रुप से परिवर्तन किए जाते रहेंगे।हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर प्रदान किए जायेंगे।
भोपाल साबित हो रहा फिसड्डी: राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा की जा रही जिलों की रैंकिंग में भोपाल के हालत खराब है। राज्य शिक्षा केंद्र के पिछले महीने के आंकड़े बताते हैं कि 52 जिलों में भोपाल का नंबर पीछे से आते है। पीछे से दस जिलों में इसकी जगह है। यह रैंकिंग टेक्टबुक वितरण, आरटीई एडमिशन स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार नामांकन स्थिति, स्कूल यूनिफार्म वितरण के आधार पर है। भोपाल डीपीसी ऑफिस में महिला संबंधी एक अपराध के कारण डीपीसी राजेश बाथम बीते दो माह से दफ्तर नहीं गए है। ऐसे हालत होने के बाद ही अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आते है।

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