जल संसाधन विभाग: ऐसे कैसे होगा गुणवत्तापूर्ण निर्माण

तय दर से 40 फीसदी कम पर थमा दिया ठेका’

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
सभी जानते हैं कि निर्माण विभागों में ठेकेदार कैसे काम करते हैं। इसे सरकार से लेकर सभी जानते हैं। इसके बाद भी अगर अफसर किसी ठेकेदार को तय दर से चालीस फीसदी कम पर ठेका स्वीकृत कर देते हैं, तो इससे ठेके को लेकर गंभीर सवाल खड़े होना लाजमीहै।  
इसकी वजह है कि पहले से ही तय दर यानि की एसओआर से अधिक पर ठेके लेने वाले तो ठेकेदारों के निर्माण कार्य गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं, ऐसे में कम दर वाले ठेकों का तो भगवान ही मालिक होगा। ऐसा जल संसाधन विभाग में धड़ल्ले से हो रहा है। प्रदेश में पिपरिया साहनी बिटुमिनस रोड एवं सीता नगर डेम साइट पर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराने के लिए जल संसाधन विभाग ने एसओआर दर पर 5 सितंबर 2024 को टेंडर क्रमांक 2024, डब्ल्यूआरडी 367841 जारी किया था। इस निर्माण कार्य के लिए जल संसाधन विभाग ने 4 करोड़ 19 लाख रुपए की राशि निर्धारित की थी और टेंडर डालने वाली कंपनी मेसर्स उमापति डीलर्स दमोह ने 32.32 प्रतिशत कम रेट पर टेंडर डाला। यानि 4.19 करोड़ का काम ठेकेदार 2 करोड 83 लाख रुपए में करने जा रहा है। इस पर उसे 5 प्रतिशत परफार्मेंस सिक्योरिटी भी जमा करनी होगी। इस शर्त के साथ 18 अक्टूबर 2024 को अधीक्षण यंत्री प्रोक्योरमेंट ने ठेका मंजूर करते हुए निर्माण की अनुमति दे दी है। अब इसके लिए बिल मंजूर कराने ठेकेदार को 10 प्रतिशत तक राशि अफसरों को भेंट-पूजा करनी पड़ती है, इसके बाद ही बिल मंजूर हो पाता है। यानि करीब 45 से 48 प्रतिशत राशि यू ही कम हो जाती है और 50 प्रतिशत राशि में उक्त कार्य कराने से उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिम हो जाता है।
टर्न की पद्धति पर तिघरा बैराज का काम
विभाग ने टर्न की पद्धति पर तिघरा बैराज का निर्माण कार्य, विस्तृत स्कोप ऑफ वर्क के अनुसार मंजूर किया है। इसके तहत यह कार्य कराने के लिए जल संसाधन विभाग ने टेंडर 5 सितंबर 2024 को जारी किया और इस कार्य के लिए राशि 3 करोड़ 93 लाख रुपए निर्धारित की गई। ठेका लेने वाले मेसर्स प्रसाद कंस्ट्रक्शन कंपनी टीकमगढ़ ने एसओआर दर से 38.04 प्रतिशत कम रेट पर टेंडर डाला और इसे विभाग ने 18 अक्टूबर को मंजूर भी कर दिया। यानि 3.93 करोड़ का काम कंपनी 2 करोड़ 43 लाख रुपए में करने को तैयार हो गई। इसमें 5 प्रतिशत परफार्मेंस सिक्योरिटी भी जमा कराई जाएगी। जो काम पूरा होने पर वापस की जाती है, लेकिन करीब 50 फीसदी राशि तो कमीशन मिलाकर कम हो गई, तो काम कितने में और कैसा होगा?

इतनी कम राशि में कैसे होगा काम
20 प्रतिशत से कम एसओआर पर कोई ठेका नहीं दिया जाना चाहिए। यदि विभाग 32 और 38 प्रतिशत कम रेट पर ठेका दे रहा है, तो यह गलत है। खासकर सीमेंट के लगातार रेट बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही मजदूरी भी महंगी होती जा रही है, इससे यह काम होना मुश्किल लगता है। विजय गुप्ता, रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री

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