- 71 हजार से अधिक शालाओं तथा 41 हजार से अधिक आंगनवाड़ियों में दिए गए नल कनेक्शन …
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लागा की गई जल जीवन मिशन योजना के अच्छे परिणाम आने शुरू हो गए हैं। इसकी वजह से न केवल प्रदेश में अब तक गांवों में रहने वाले 53 लाख से अधिक परिवारों को घर पर ही नल का पानी मिलने लगा है , बल्कि स्कूलों व आंगनवाड़ी जैसी जगहों पर भी अब बच्चों की प्यास नलों के पानी से ही बुझ रही है। दरअसल सरकार का लक्ष्य अगले साल की समाप्ती तक प्रदेश के हर घर में नल से पानी पहुंचाने की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा खुद ही इस महत्वाकांक्षी योजना की सत्त मॉनिटरिंग की जा रही है। इस योजना की उनके द्वारा समय-समय पर समीक्षा कर अधिकारियों व कलेक्टरों को कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। यही वजह है कि इस योजना पर प्रदेश में तेजी से काम हो रहा है। दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण अंचल की पेयजल की परेशानी को हमेशा के लिए दूर करने के उद्देश्य से प्रदेश में जल जीवन मिशन में मिशन मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। उनकी मंशा है कि प्रदेश की करीब सवा छह करोड़ ग्रामीण आबादी को जल जीवन मिशन में नल कनेक्शन के जरिए गुणवत्तापूर्ण जल आसानी से मिल सके। सीएम ने जल जीवन मिशन में हो रहे कार्यों की राज्य से लेकर जिला और ग्राम स्तर तक नियमित समीक्षा का क्रम बनाया हुआ है। यही वजह है कि प्रदेश में अब सभी जिलों की ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन से जल मुहैय्या करवाने के कार्य तेज गति से चल रहे हैं। मिशन में प्रदेश के 53 लाख 4 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से निरन्तर जल जल जीवन मिशन प्रदाय हो रहा है। के अंतर्गत सभी स्कूल और आंगनबाड़ियों में नल कनेक्शन से पेयजल प्रदान करने के अभियान में भी तेजी से काम किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अब तक लगभग 71 हजार से अधिक शालाओं तथा 41 हजार से अधिक आंगनवाडिय़ों में नल से जल सुलभ कराया जा चुका है। शेष स्कूल और आँगनवाड़िय़ों में नल से जल पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी है।
केन्द्र के सहयोग से हो रहा काम
मिशन में नवीन जल प्रदाय योजनाओं और रेट्रोफिटिंग कार्यों के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत करीब दो वर्षों में 33 हजार करोड़ की स्वीकृतियाँ जारी की जा चुकी हैं। हाल ही में मंत्रि-परिषद ने 17 हजार 971 करोड़ 95 लाख की नवीन जल संरचनाओं के स्वीकृति दी है। मिशन में हो रहे कार्यों पर केन्द्र और राज्य • सरकार द्वारा आधा-आधा व्यय भार वहन किया जाता है।
जल मित्र बनाया
प्रदेश की ग्रामीण आबादी को उनके घर पर उपलब्ध हो रहे नल से जल संबंधी जल प्रदाय योजनाओं का संचालन, संधारण और जल कर वसूली कार्य का निर्वहन ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों द्वारा किया जा रहा है । इन समितियों में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को ग्राम जल समिति ने जल मित्र बनाया है, जो समय-समय पर पेयजल का परीक्षण करती हैं। इन सभी जल मित्र को पीएचई विभाग द्वारा जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिलवाकर फील्ड टेस्ट किट प्रदान किये गये हैं।