110 अरब से दूर होगा शहरी इलाकों की पानी और सीवरेज समस्या

पानी और सीवरेज समस्या
  • 7 अरब खर्च कर तालाबों और पार्कों का किया जाएगा विकास  

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के शहरी इलाकों में गर्मी के दौरान होने वाली पानी की समस्या और सीवरेज से छु़टकारा दिलाने की लिए बड़े स्तर पर योजना तैयार की गई है। इसके तहत अगले तीन सालों में 110 अरब रुपए खर्च किए जाएंगे। यही नहीं इसी अवधि में तालाबों के रखरखाव और पार्कों के विकास पर भी 7 अरब रुपए की लागत से काम कराए जाएंगे।
दरअसल शहरी इलाकों में यह दो बड़ी समस्याएं लोगों को बेहद परेशान करती हैं। इनसे छुटकारा दिलाने के लिए ही यह योजना तैयार की गई है। पहले साल यानि की इसी साल सरकार इसके तहत 4617 करोड़ की लागत के काम शुरू करने की तैयारी कर चुकी है। इसमें भी पूरा फोकस साफ पेयजल उपलब्ध कराने पर है। यह काम अमृत योजना के तहत किए जाएंगे।
अमृत योजना के इससे चरण में मप्र के लिए कुल 117 अरब 78 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से 11,195 करोड़ रुपए केवल जलप्रदाय और सीवरेज के प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा। बाकी राशि तालाबों और पार्कों के विकास पर खर्च की जाएगी। उल्लेखनीय है कि योजना के पहले चरण में मप्र के लिए 6801 करोड़ रुपए मंजूर किया गया था। वहीं अमृत 2 में 4977 करोड़ अधिक राशि स्वीकृत की गई है।
इस तरह से होगी राशि की व्यवस्था
प्रदेश के चारों बड़े शहरों में शामिल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में कुल 5142.23 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम होगा, जिसमें से 25 फीसदी यानि करीब 1285 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। इसमें राज्य का हिस्सा 58 प्रतिशत के हिसाब से 2982 करोड़ होगा जबकि, नगरीय निकायों को 17 फीसदी राशि बतौर अंश के रुप में देनी होगी। यह राशि करीब  874.18 करोड़ रुपए होती है। इसी तरह से  एक लाख से अधिक पर दस लाख से कम आबादी वाले 29 निकायों को कुल 3311 करोड़ रुपए मिलेगा, इसमें से केंद्र 33 फीसदी मतलब 1092.64 करोड़ और राज्य 57 प्रतिशत यानि 1887 करोड़ रुपए मुहैया कराएगा, बाकी 10 फीसदी निकाय देंगे, यह 331 करोड़ रुपए होता है। उधर, एक लाख से कम जनसंख्या वाले 380 नगरीय निकायों और पांच कैंट क्षेत्रों को योजना में लगभग 3333 करोड़ रुपए मिलेगा, केंद्र 50 फीसदी हिस्से के तौर पर 1666.79 करोड़ और राज्य 45 प्रतिशत मिलाते हुए 1500.11 करोड़ रुपए देगा, निकायों को महज पांच फीसदी राशि जुटाना होगी, यह 166.68 करोड़ रुपए है। इसी तरह से योजना के तहत सुधार शर्तों समेत अन्य कार्यों पर 1077.88 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इसमें से 50-50 फीसदी पैसा केंद्र और राज्य सरकार देंगे।
पानी पर सर्वाधिक खर्च
अमृत 2.0 में सर्वाधिक खर्च पानी की आपूर्ति की व्यवस्था पर किया जाएगा। इसके प्रोजेक्ट्स पर 6262 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे 298 कार्य किए जाएंगे। राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से 248 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है। मौजूदा स्थिति में 118 से ज्यादा कार्यों के लिए वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। वहीं सीवरेज के 4932 करोड़ की लागत से कार्य किए जाएंगे। इससे 36 प्रोजेक्ट किए जाएंगे। इसमें से 11 प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है। हालांकि, अधिकांश का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वहीं जलस्त्रोतों के सुधार और पुर्नजीवित करने के 402 प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा।  इन पर 415 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इसके अलावा नगरीय निकायों में 387 पार्क विकसित किए जाएंगे। इसके लिए योजना में 117.87 करोड़ रुपए मंजूर किया गया है। संबंधित निकाय 177 से अधिक पार्कों के लिए कार्यादेश जारी कर चुके हैं।

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