अफसरों व नेताओं से पूछताछ के लिए हरी झंडी का इंतजार

  • सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिले ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेजों की जांच शुरू
  • विनोद उपाध्याय
अफसरों व नेताओं

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिले ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेजों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। इसमें ईडी कुछ नेताओं और अफसरों से भी पूछताछ करने की तैयारी है, लेकिन इसके लिए उसे दिल्ली मुख्यालय से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। अहम बात यह है कि आयकर, लोकायुक्त के बाद ईडी भी पूछताछ में सौरभ से  52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद किसका है, यह पता करने में नाकाम रही है। अब तक की जांच में ईडी ने जो प्रॉपर्टी सीज की हैं, उसका हिसाब देने के लिए सौरभ और उसके रिश्तेदारों-दोस्तों को 15 मार्च तक का समय दिया गया है।कार चालक प्यारे का अब भी सुराग नहीं लोकायुक्त, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले दो महीने से इस पूरे मामले की जांच में जुटे हैं, लेकिन अब तक उस ड्राइवर प्यारे का सुराग नहीं  लग सका है , जो सोने और नकदी से लदी कार को सौरभ के घर से मेंडोरी के फॉर्म हाउस तक ले गया था। सौरभ के मौसेरे दामाद विनय हसवानी से जब ईडी ने पूछताछ की, तो उसने बताया- प्यारे ने फोन किया था कि सौरभ दुबई गया है। उसकी गाड़ी सुरक्षित रखवानी है। इस पर विनय ने गाड़ी को फॉर्म हाउस पर रखने के लिए कहा था। प्यारे के साथ विनय भी खुद की गाड़ी से फॉर्म हाउस तक गया था। गाड़ी पार्क करने के बाद ड्राइवर प्यारे विनय के साथ ही लौटा था। विनय ने जांच एजेंसी को बताया है कि उसे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इस गाड़ी में सोना और नकदी रखा है। वह प्यारे को जानता था इसलिए उसने गाड़ी रखने के लिए सुरक्षित ठिकाने के बारे में बताया था। इसके बाद से प्यारे का मोबाइल फोन बंद हो गया।  विनय ने अपने बयान में यह  भी बताया है कि 19 दिसंबर की रात सौरभ की मां उमा शर्मा भी प्यारे को फोन लगा रही थीं लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। उसी दिन रात को उमा शर्मा के साथ विनय उस कार को देखने फॉर्म हाउस पर भी गया था, लेकिन वहां हलचल देखकर वापस लौट आया।आईटी ने मांगी ईडी-लोकायुक्त से मांगी रिपोर्टआयकर विभाग भी अब सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल से पूछताछ की तैयारी में है। आयकर अफसर चाहते हैं कि तीनों की जमानत के बाद समन जारी कर उनसे पूछताछ की जाए लेकिन कोर्ट ने 14 दिन के लिए तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ऐसे में अब आयकर विभाग ने लोकायुक्त पुलिस और ईडी से पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश मिलने के मामले में जांच को आगे बढ़ाया जा सके। आयकर विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगर यह जानकारी दोनों ही एजेंसियां सीधे नहीं देती हैं तो इसे कोर्ट के माध्यम से भी मांगा जा सकता है।कल होगी जमानत पर सुनवाई सौरभ की जमानत अर्जी लोकायुक्त और ईडी की कोर्ट में दायर की गई है। लोकायुक्त कोर्ट ने 20 तारीख को इस अर्जी पर सुनवाई तय की है जबकि ईडी ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। लोकायुक्त कोर्ट में सौरभ की ओर से तर्क दिया गया है कि इसमें जो भी जांच होनी थी, उसने पूरा सहयोग किया है। आवेदन में कहा गया है कि जिस कार से कैश-सोना बरामद हुआ, वो मेरे नाम पर नहीं है। मैं सरकारी कर्मचारी नहीं हूं, इसलिए लोकायुक्त को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। जो संपत्ति मेरे नाम पर नहीं है, मैं उसका हिसाब कैसे दे सकता हूं।55 बैंक खाते आए सामनेसौरभ शर्मा की 500 से 700 करोड़ के बीच काली कमाई का पता चला है। इस कमाई को वह हवाला के जरिए सफेद करता था। इसके लिए सौरभ के पास खुद तीन बैंक खाते थे। पत्नी, मां, बिजनेस पार्टनर, रिश्तेदार, फर्मों के नाम 52 खाते अलग-अलग बैंकों में थे। ईडी ने खाते फ्रीज कर दिए हैं। बड़ी संख्या में एफडी भी मिली हैं। यह खुलासा ईडी की जांच में हुआ। यह जानाकरी सौरभ, शरद और चेतन को लेकर न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट में किया गया है। इसमें खुलासा हुआ हे कि सौरभ लोकेश सदाशिवन के नाम से हवाला का कारोबार भी करता था।हरे रंग की डायरी में मिले हिसाब पर नजर प्रवर्तन निदेशालय को ग्वालियर सिटी सेंटर स्थित सौरभ के घर से हरे रंग की एक डायरी मिली थी। इस डायरी में 66 पन्ने हैं। इसमें टीएम और टीसी जैसे कोड वर्ड के आगे नंबर लिखे हैं। जांच एजेंसी को संदेह है कि ये नंबर इन लोगों को दिए गए रुपयों के हैं। एजेंसी का संदेह इसलिए भी पुख्ता है, क्योंकि सौरभ के ठिकानों से परिवहन विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेज और सरकारी नोटशीट मिली है। साथ ही टोल नाकों के रसीद-कट्टे भी मिले हैं। यह सबूत भी मिले हैं कि सौरभ नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था। सूत्रों की माने तो ईडी ने सौरभ से पूछताछ में इसे वेरिफाई भी कर लिया है। साथ ही शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर से भी सारे सवाल पूछे हैं। अब सिर्फ यह वेरिफाई होना बाकी है कि उनकी प्रॉपर्टी के लिए भुगतान किसने किया था?15 मार्च तक संपत्ति का हिसाब मांगाईडी ने 94 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी की खरीदी का सौरभ, उसकी मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या, साले रोहित तिवारी, सुलभा तिवारी, चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और शरद की मां कृष्णा जायसवाल से जवाब मांगा है। इनसे कहा गया है कि 15 मार्च तक वे बताएं कि उनके नाम पर जो-जो प्रॉपर्टी हैं, उनका भुगतान उन्होंने कैसे किया? ये पैसा कहां से आया? किसने दिया? उसके बैंक स्टेटमेंट भी मांगे हैं। सूत्र बताते हैं कि ईडी के अल्टीमेटम के बाद आरोपियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने हिसाब बनाना शुरू कर दिया है।

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