- दो दिन बाद आएगी पहली सूची, भोपाल में नहीं मिल पा रहा मजबूत प्रत्याशी
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा के लिए निकाय चुनावों में महापौर के प्रत्याशी का चयन करना मुश्किल बना हुआ है। कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के तीन बाद भी जारी लंबी कवायद के परिणाम नहीं निकल पा रहे हैं। यही वजह है कि अब तक भाजपा अपने किसी भी महापौर पद के प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर सकी है। यह बात अलग है कि अब जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक पार्टी ने पांच नगर निगमों के लिए एक -एक नाम तय कर लिए हैं, लेकिन इसमें भी चारों महानगर शामिल नहीं हैं। यही वजह है कि इस मामले को लेकर बीती देर रात तक सत्ता-संगठन के दिग्गज मंथन में चुनाव प्रबंधन, कोर ग्रुप और चुनाव समिति के सदस्य जिताऊ चेहरों के नाम पर आम सहमति बनाने की कवायद करते रहे। हालत यह हैं कि भोपाल में तो पार्टी को ऐसा कोई चेहरा नहीं मिल पा रहा है जो कांग्रेस प्रत्याशी विभा पटेल को चुनौती दे सके, लिहाजा पार्टी की गाइड लाइन से हटकर इस मामले में अब पूरा दारमोदार विधायक कृष्णा गौर के नाम पर बना हुआ है। उधर, जिलों से आए नामों के पैनल पर भी चर्चा के बाद संगठन किसी भी नाम पर अपनी मुहर नहीं लगा सका है। अब एक बार फिर दो दिन बाद नामों को तय करने के लिए बैठक की जाएगी। इस बीच संगठन अपने स्तर पर प्रस्तावित नामों पर चिंतन मनन का काम करता रहेगा। जिलों से जो नामों की पैनल आई है उस पर चर्चा हुई लेकिन किसी भी प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी। उधर माना जा रहा है कि जो नाम तय कर लिए गए हैं उन्हें घोषित कर दिया जाएगा। इस मामले में सबसे खराब स्थिति चारों महानगरों को लेकर बनी हुई है। गौरतलब है कि बीते चुनाव में भाजपा ने सभी 16 नगर निगमों में जीत हासिल की थी, जिसके परिणाम दोहराने की बड़ी चुनौति अनी हुई है।
गौर व मेंदोला में से किसी पर लग सकती है मुहर
नगर निगम चुनाव में बड़े शहरों में विधायकों को टिकट न देने का फैसला बदलना अब भाजपा की मजबूरी बनती दिख रही है। इस मामले में हालांकि प्रदेश संगठन को पार्टी हाईकमान से बात कर अनुमति लेनी होगी। यदि ऐसा होता है तो भोपाल से कृष्णा गौर और इंदौर से रमेश मेंदोला को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। यह दोनों अभी विधायक हैं। कृष्णा गौर पूर्व में भी भोपाल की निर्वाचित मेयर रह चुकी हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने पहले कहा था कि वह नगरीय निकाय चुनावों में विधायकों को प्रत्याशी नहीं बनाएगी। लेकिन अब जबकि इंदौर और भोपाल में प्रत्याशियों के चयन की बात आई तो एक-एक नाम पर विचार किया गया।
सूत्रों की मानें तो इंदौर को लेकर नेताओं का कहना था कि कांग्रेस के संजय शुक्ला को विधायक रमेश मेंदोला बेहद कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इंदौर में जिलाध्यक्ष गौरव रणदिवे , निशांत खरे के अलावा एक अन्य नाम भी सामने आया है। इसी तरह से भोपाल में मालती राय की राह में उनकी उम्र तो राजो मालवीय के पिछला चुनाव कांग्रेस की वर्तमान प्रत्याशी विभा पटेल से हारने की बात कही गई। कृष्णा गौर पर अधिकांश नेता सहमत दिखे। तय किया कि इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मार्गदर्शन के बाद ही फैसला लिया जाएगा। इसी तरह से जबलपुर को लेकर वेदप्रकाश, डॉक्टर जितेंद्र जामदार और अभिलाष पांडेय के नामों पर विचार किया गया है। बताया जा रहा है कि जामदार और पांडेय में से किसी एक को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इसी तरह से ग्वालियर में माया सिंह के अलावा सुमन शर्मा और समीक्षा गुप्ता के नाम पर चर्चा हुई है। वहीं सागर में प्रतिभा तिवारी रितु और संगीता तिवारी का तीन से पांच नामों पर बात हुई।
तय किया गया कि यहां से किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को उतारा जाएगा। बैठक में जो पैनल रखा गया है उसके मुताबिक मुरैना से आरती जाटव, अनिता जाटव, रीवा से व्यंकटेश पांडे, संजय द्विवेदी, प्रज्ञा त्रिपाठी, सतना से योगेश ताम्रकार, अनिल जायसवाल, कटनी से शिल्पी सोनी , प्रीति सूरी, अलका जैन, सिंगरौली से शिवेंद्र बहादुर सिंह, गिरीश द्विवेदी, अंगद वर्मा, रतलाम से अशोक पोरवाल, प्रहलाद पटेल, दिनेश राठौर, खंडवा से ममता बोरसे, सीमा राठौर, डॉ. प्रीति गुर्जर, बुरहानपुर से मीना पाटीदार, माधुरी पटेल, छिंदवाड़ा से सुनील परतेती, अनंत धुर्वे, प्रकाश उईके, देवास से पूजा अग्रवाल, पूर्णिमा खंडेलवाल के नाम शामिल हैं।
नपा चुनाव के प्रभारी बनाए
भाजपा ने आज 76 नगर पालिका परिषदों के चुनाव प्रभारियों का ऐलान कर दिया। ये पार्षदों के चुनाव में सामंजस्य बैठाएंगे साथ ही वार्ड में पार्टी के बागी मैदान में न उतरें इसका भी ख्याल रखेंगे। राजधानी भोपाल की बैरसिया नगरपालिका का प्रभारी पूर्व संगठन मंत्री सीताराम यादव को बनाया गया है। इसी तरह मंडीदीप में मोहन शर्मा, रायसेन में ध्रुवनारायण सिंह, बेगमगंज में मनोज कटारे, विदिशा में भक्त पाल सिंह, आष्टा में अरुण भीमावत, सीहोर में सीमा सिंह, ब्यावरा में विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, इटारसी में जोधा सिंह अटवाल, होशंगाबाद में गुरु प्रसाद शर्मा को प्रभारी बनाया गया है। भाजपा ने चुनाव के लिए संभागीय प्रभारी भी बनाए हैं। इनमें अधिकांश पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को संभागों का जिम्मा सौंपा गया है। ये पूर्व संगठन मंत्री बागियों को थामने का काम करेंगे।
रतलाम के लिए नई सर्वे रिपोर्ट का कांग्रेस को इंतजार
कांग्रेस रतलाम नगर निगम का उम्मीदवार तय करने से पहले नई सर्वे रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस रिपोर्ट के आने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। इसकी वजह है पार्टी द्वारा नए सिरे से इस सीट का सर्वे कराया जाना। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ की अगुवाई में तीन दिन पहले हुई बैठक में पार्टी ने निकाय चुनाव के लिए महापौर पद के 15 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए गए थे, लेकिन तब रतलाम के उम्मीदवार का फैसला नहीं किया जा सका था। सूत्र बताते हैं कि रतलाम नगर निगम के प्रत्याशी को लेकर दो सर्वे रिपोर्ट कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को मिले हैं। रतलाम में कांग्रेस के पांच प्रमुख दावेदार हैं। युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मयंक जाट, किसान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष रामचंद्र धाकड़, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रभुराम राठौर, सेवादल के पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव रावत और पूर्व पार्षद फैय्याज मंसूरी प्रमुख चेहरे हैं। बताते हैं कि इनमें से दो नामों को लेकर स्थिति उलझ रही है। पार्टी नेताओं की माने तो जो पंद्रह उम्मीदवार तय किए गए हैं, उनके नाम भी सर्वे के जरिए आए थे।
पार्षदों का जिम्मा जिला कोर कमेटी पर
नगरीय निकाय ही जिला चयन समिति के अधिकार दे दिए हैं। जिला कोर कमेटी ही प्रत्याशियों का चयन करेंगी। जिले के प्रभारी को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है। वहीं पार्टी ने 76 नगरपालिकाओं के लिए चुनाव प्रभारियों का भी ऐलान कर दिया। भोपाल जिले के कोर कमेटी में जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी समेत जिले के सभी विधायक और सांसद शामिल हैं। इसी तरह अन्य जिलों की कोर कमेटी में सांसद, विधायकों के अलावा दो तीन वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है। संगठन सूत्रों ने बताया कि जिला कोर कमेटी अपने अपने जिलों में पार्षदों का नाम तय कर संभागीय चयन समिति को भेजेगी। संभागीय चयन समिति इन तीन नामों के पैनल में से एक नाम फाइनल कर देगी। विवाद की स्थिति में प्रदेश के नेताओं से बात की जाएगी। भोपाल में गठित संभागीय चयन समिति का संयोजक हेमन्त खंडेलवाल और सहसंयोजक रामपाल सिंह को बनाया गया है।