भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस ऐसा राजनैतिक दल बन चुका है , जिसमें में जो भी निर्णय होते हैं, वे इतनी देर से होते हैं कि उनका महत्व ही समाप्त हो जाता है। इसका ताजा उदाहरण है सदस्यता अभियान व संगठन का चुनावी कार्यक्रम। हाल यह है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की तारीख निकले हुए अब पूरा एक माह होने को है , लेकिन अब तक चुनावी प्रक्रिया शुरू करना तो ठीक मतदाता सूची तक का प्रकाशन नहीं हो सका है। एआईसीसी द्वारा चुनाव का जो कार्यक्रम जारी किया गया था, उसके मुताबिक मप्र सहित पूरे देश में एक साथ 1 अप्रैल से चुनावी प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन उस पर अब तक मप्र में अमल ही नहीं हो पा रहा है। चुनावी कार्यक्रम के तहत एक से 15 अप्रैल के बीच चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों की सूची प्रकाशित की जानी थी, लेकिन अब तक मप्र में वोटर लिस्ट ही तैयार नहीं हो सकी है। वोटर लिस्ट का प्रकाशन नहीं हो पाने की वजह से प्रदेश में अब तक कांग्रेस संगठन चुनाव की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पा रही है। यही नहीं संगठन चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटियों में तालमेल का अभाव पूरी तरह से दिख रहा है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों की सूची का प्रकाशन जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा किया जाएगा , जबकि जिला कांग्रेस अध्यक्षों का कहना है कि वोटर लिस्ट के प्रकाशन के बाद पीसीसी से जारी होने वाले निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय संगठन के निर्देश पर मप्र समेत पूरे देश में गत 1 नवंबर से सदस्यता अभियान शुरू किया गया था। अभियान का समापन 31 मार्च को होना था, लेकिन सदस्यता अभियान में उल्लेखनीय सफलता नहीं मिलने की वजह से उसकी अवधि में 15 दिनों की वृद्वि कर उसे 15 अप्रैल कर दिया गया था। सदस्यता अभियान की घोषणा के साथ ही एआईसीसी ने जनवरी में चुनावी कार्यक्रम घोषित करते हुए 1 अप्रैल से संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की भी घोषणा की थी, लेकिन अब तक वोटर लिस्ट तैयार ही नहीं की जा सकी है। इसमें भी खास बात यह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने सदस्यता अभियान की अवधि में तो 15 दिन की वृद्धि कर दी थी , लेकिन संशोधित चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया , जिसकी वजह से पूरा चुनाव कार्यक्रम ही प्रभावित हो रहा है।
यह है एआईसीसी द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम
1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों की सूची का प्रकाशन करना, 16 अप्रैल से 31 मई के बीच अध्यक्ष और प्राथमिक समितियों की कार्यकारिणी और ब्लॉक कमेटियों का चुनाव, 11 जून से 20 जुलाई के बीच जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष का चुनाव करना और 21 जुलाई से 20 अगस्त के बीच पीसीसी जनरल बॉडी द्वारा पीसीसी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और पीसीसी कार्यकारिणी और एआईसीसी सदस्यों का चुनाव होगा।
नहीं हासिल किया जा सका लक्ष्य
कांग्रेस के सदस्यता अभियान का समापन भले ही 15 अप्रैल को हो चुका है, लेकिन अब तक पीसीसी तक पूरे आंकड़े नहीं आ सके हैं। इस मामले में पीसीसी का दावा था कि पार्टी के 50 लाख सदस्य बनाने का दावा किया था, लेकिन अब तक पीसीसी के पास जो डाटा पहुंचा है उसके अनुसार सिर्फ 30 लाख के करीब ही सदस्य बने हैं। डाटा में भले ही पार्टी अपना लक्ष्य पाते नहीं दिख रही है, लेकिन कांग्रेस नेता सदस्यता अभियान को पूरी तरह सफल बता रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि इस साल कांग्रेस ने पिछले साल से दोगुना सदस्य बनाए हैं। पार्टी यह भी दावा कर रही है कि अभी कई जिलों से डाटा आना बाकी है और यह डाटा आने के बाद सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी। बता दें कि मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अपनी पूरी कोशिश कर रही है और अगर कांग्रेस के 50 लाख सदस्य पूरे नहीं होते तो आगामी विधानसभा चुनाव के पहले उसके लिए यह चिंता की बात जरुर है।
क्या कहते हैं जिलों के अध्यक्ष
भोपाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा का कहना है कि 30 अप्रैल तक वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। उसके बाद चुनाव की आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सागर शहर की जिलाध्यक्ष रेखा चौधरी का कहना है कि जिले में सदस्यता का काम पूरा हो गया है। पीसीसी से संगठन चुनाव को लेकर जो दिशा- निर्देश जारी होंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह से अशोकनगर जिलाध्यक्ष हरि सिंह रघुवंशी का कहना है कि वोटर लिस्ट का प्रकाशन 30 अप्रैल तक किया जाएगा। उसके बाद चुनाव कराने के लिए पीसीसी से रिटर्निंग आॅफिसर भेजे जाएंगे।
28/04/2022
0
203
Less than a minute
You can share this post!