- गौरव चौहान
मप्र में भाजपा ने 51 फीसदी वोट के साथ 200 सीटें जीतने का जो टारगेट तय किया है उसके लिए पार्टी की कोशिश है की प्रदेश के हर वोटर के पास उसका संदेश पहुंचे। इसके लिए पार्टी जहां संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है वहीं भाजपा ने डिजिटल फोर्स बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पार्टी को उम्मीद है की भाजपा का हर संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से हर वोटर तक पहुंच जाएगा। दरअसल, भाजपा की कोशिश है कि वह इस साल नवंबर में होने वाले मप्र के विधानसभा के चुनाव और मई 2024 के आम चुनाव में इस डिजिटल फोर्स का फायदा उठाया जाए। इसी के मद्देनजर भाजपा का सवा लाख लोगों का डिजिटल फोर्स तैयार हो गया है। वह सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर न केवल एक्टिव होगा, बल्कि कांग्रेस के साथ दूसरे दलों के डिजिटल कैंपेन का सामना करेगा। बड़े इन्फ्लुएंसर को भी जोड़ा जा रहा है। ये वो लोग हैं, जिनके फॉलोअर करोड़ों में हैं।
गौरतलब है की मप्र भाजपा का संगठन देश में सबसे मजबूत संगठनों में गिना जाता है। उसके बाद भी पार्टी की कोशिश हमेशा संगठन की मजबूती पर रहती है। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की नसीहत के बाद मंडल और बूथ स्तर पर संगठन को नए सिरे से सशक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है। तीन जिलाध्यक्षों और विभिन्न जिलों में मंडल अध्यक्षों के बाद अब कुछ और जिलाध्यक्षों पर संगठन की तलवार लटकी है। ऐसा माना जा रहा है कि राजगढ़ और विदिशा भी संगठन के निशाने पर हैं। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और डाटा प्रबंधन समिति की बैठक में जामवाल ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि डिजिटलाइजेशन तो ठीक है लेकिन जमीन पर सक्रियता दिखना ज्यादा जरूरी है।
हर बूथ पर तैनात होंगे दो एक्टिव मेंबर
गौरतलब है कि भाजपा दुनिया की पहली पूरी तरह से डिजिटल पार्टी बन गई है। इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर तक के तीन करोड़ से अधिक पदाधिकारी महज एक क्लिक की दूरी पर हैं। संगठन रिपोर्टिंग एंड एनलाइसिस (सरल) के नाम से तैयार एप पर बूथ स्तर तक पदाधिकारियों का डाटा अपलोड किया जा चुका है और पार्टी के भीतर संवाद और संदेश का यह बड़ा माध्यम बन गया है। भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत नीति संस्था के जरिए सभी को एकजुट किया गया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी बैठकों में सोशल मीडिया पर जोर दे रहे हैं। पार्टी का मानना है कि जो इस प्लेटफॉर्म का ताकतवर तरीके से इस्तेमाल करेगा, नतीजों में इसका असर दिखेगा। मप्र में 65 से 70 हजार पोलिंग है। हर एक बूथ पर पर दो एक्टिव मेंबर रखे जाएंगे। यह मंबर टीम बनाएंगे और उस पोलिंग पर मौजूद एक से डेढ़ हजार वोटरों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ेगा। इसमें पार्टी की रीति-नीति के साथ दूसरे दलों की हर पोस्ट पर बराबरी से जवाब देने की तैयारी है। भाजपा सोशल मीडिया विंग को मंडल पर ट्रेनिंग करा रही है। एक घंटे एक वीडियो चलाया जाता है, जिसमें हर प्लेटफॉर्म को चलाने की जानकारी दी जाती है। यह भी बताया जाता है कि कौन सा व्यक्ति, कितना समय बिता रहा है। पार्टी और विचारधारा का कंटेंट कैसे पोस्ट होगा। मल्टीमीडिया हैंडलिंग कैसे होगी।
निष्क्रिय जिलाध्यक्षों पर गिरेगी गाज
प्रदेश भाजपा ने मंडल और बूथ स्तर पर संगठन को नए सिरे से सशक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है। हाल ही में संगठन ने अपने सतना, जबलपुर नगर और रायसेन जिलाध्यक्षों को बदल दिया है। मंदसौर सहित मालवा के कुछ जिलों में मंडल अध्यक्षों को भी हटाया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि संगठन की तलवार अभी राजगढ़ और विदिशा पर भी लटकी है। वहीं अगले सप्ताह 5 फरवरी से सरकार की विकास यात्रा को लेकर सभी जिलों में व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन के सभी जिलाध्यक्षों और मैदानी कार्यकर्ताओं को इसमें सहभागी की भूमिका निभाने को कहा है। उधर प्रदेश प्रभारी राव ने तो कार्यसमिति बैठक में दो टूक शब्दों में कह दिया कि सभी जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी प्रवास पर फोकस करें। साथ ही संगठन ऐप पर रियल टाइम प्रवास की रिपोर्ट अपडेट भी करें। उन्होंने जिलाध्यक्षों, महामंत्री और प्रभारियों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दे दी गई है कि संगठन ऐप पर अपलोड नहीं करने पर माना जाएगा कि आप सक्रिय नहीं है।