- धाकड़ों को साधने शिव तो गुर्जरों के लिए पायलट भी आए
- विनोद उपाध्याय
श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा के बीच मुकाबला बेहद रोचक स्थिति में पहुंच गया है। दोनों ही दलों द्वारा प्रचार में पूरी ताकत लगाई जा रही है। यह ऐसी सीट है, जहां पर जातीय समीकरण जीत हार में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, इस सीट पर प्रदेश में भाजपा की सरकार होने और भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत के मंत्री होने का फायदा भाजपा को होता दिख रह है, लेकिन जातीय समीकरण ऐसे उलझे हुए हैं कि मुकाबले को बेहद कड़ा माना जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा को अपने समाज और कुशवाहा समाज का समर्थन मिला हुआ है तो वहीं दूसरी जातियों का समर्थन भाजपा के पक्ष में है, लेकिन बसपा का कोई प्रत्याशी नहीं होने की वजह से कांग्रेस व भाजपा दोनों के लिए जाटव मतदता बेहद अहम हो गए हैं। जिस प्रत्याशी को इस समाज का समर्थन मिल जाएगा उसकी जीत आसान हो जाएगी। यही वजह है कि दोनों ही दलों के प्रत्याशियों का केन्द्र बिन्दु यह समाज बन गया है।
इस विधानसभा सीट में कुल ढाई लाख वोटरों में 70 हजार सहरिया समुदाय के वोटर हैं जो किसी भी पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाता है। वहीं इस सीट पर आबादी के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा समुदाय रावत- मीणा का है। रामनिवास रावत भी इसी समुदाय से आते हैं। इनकी संख्या लगभग 20 हजार हैं। वहीं तीसरा सबसे बड़ा समुदाय गुर्जर वोटरों का हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार विजयपुर विधानसभा में आदिवासी मतदाताओं के अलावा जाटव 32 हजार, कुशवाह 26 हजार, रावत 17 हजार, ब्राह्मण, गुर्जरमारवाडी और धाकड़ 15-15 हजार, वैश्य, यादव 8-8 हजार, मुस्लिम 5 हजार, राठोर, नाई, मोगिया, बघेले 4-4 हजार, क्षत्रिय, भोई, प्रजापति, मल्लाह 3-3 हजार के आसपास हैं। वहीं 1 से 3 हजार की संख्या में अन्य जातियों के भी मतदाता बताए गए हैं।
इन जातियों पर भी नजर
रावत: क्षेत्र में लगभग 17 हजार रावत समाज के मतदाता हैं। इसमें भाजपा की ओर से इसी समाज के रामनिवास रावत प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस ने श्योपुर विधायक बाबू जंडेल और अन्य समाज के नेताओं को लगाया हुआ है।
ब्राह्मण: क्षेत्र में लगभग 17 हजार मतदाता ब्राह्मण समाज के हैं। यही वजह है कि भाजपा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य नेता सक्रिय हैं, तो कांग्रेस से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे व अन्य नेता सक्रिय हैं।
गुर्जर: क्षेत्र में लगभग 15 हजार मतदाता गुर्जर-मारवाड़ी समाज से हैं। जिसके लिए भाजपा ने कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को लगातार सक्रिय किया हुआ है, वहीं कांग्रेस राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सभा भी करा चुकी है। पायलट का बड़ा प्रभाव गुर्जर मतदाताओं पर माना जा ता है।
कुशवाह-धाकड़ समाजों की अहम भूमिका
इस बार के विधानसभा चुनाव में विजयपुर में कुशवाह समाज और धाकड़ समाजों की मुख्य भूमिका है। दोनों ही जातियों के उम्मीदवार इस बार मैदान में नहीं है, लिहाजा भाजपा और कांग्रेस इन्हें अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। यही वजह है कि लगभग 15 हजार धाकड़ वोट साधने के लिए बुधवार को भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की न केवल सभा कराई, बल्कि समाज के साथ बैठक भी कराई। वहीं लगभग 26 हजार कुशवाह वोटों पर सेंधमारी करने के लिए भाजपा जहां ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह और पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह से जनसंपर्क करा चुकी है, वहीं कांग्रेस सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह और अन्य नेताओं को सक्रिय किए हुए है।
70 हजार आदिवासियों पर नजर
विजयपुर विधानसभा में 2 लाख 54 हजार मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 70 हजार आदिवासी मतदाता हैं। यही वजह है कि दोनों दलों की इस बड़े वोट बैंक पर नजर है। यही वजह है कि कांग्रेस ने जहां सहरिया आदिवासी वर्ग से मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) बनाकर सहरिया वोट साधने का प्रयास किया है। वहीं उनके साथ तुरसनपाल बरैया भी सहरिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) भी इस समाज से हैं। इसके अलावा दोनों दलों से अन्य सहरिया नेता भी मैदान में सक्रिय हैं। वहीं आदिवासी वर्ग में भील-भिलाला और पटेलिया जातियों को साधने के लिए जहां कांग्रेस ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया को बुलाया है, वहीं भाजपा ने मंत्री निर्मला भूरिया को भी बुलाया था।
मैदान में 11 उम्मीदवार
विजयपुर में कुल 11 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी से मप्र सरकार में वन मंत्री रामनिवास रावत, कांग्रेस से मुकेश मल्होत्रा, भारत आदिवासी पार्टी से नेतराम सहरिया, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से भारती पचौरी, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से मंजू आदिवासी और 6 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। पिछले 14 चुनाव के नतीजों को देखें तो कांग्रेस ने 7 चुनाव जीते हैं और बीजेपी ने केवल 3 चुनाव जीते हैं। यानी परंपरागत रूप से ये सीट कांग्रेस की है।
बीजेपी का मुद्दा विकास, 400 करोड़ के कामों का ऐलान
रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने और मंत्री बनने के बाद विजयपुर में 400 करोड़ से ज्यादा के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन हो चुका है। चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विजयपुर के वीरपुर में चंबल नदी पर मप्र राजस्थान के बीच पोंटून पुल (ड्रमों के ऊपर तैरता पुल), सरकारी कॉलेज और सिविल अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुके हैं।