ठेंगे पर विजय शाह

विजय शाह

  • जंगल महकमें में जांच रिपोर्ट्स खा रही धूल
  • वन विभाग में दोषी अफसरों पर नहीं होती कार्रवाई

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। अगर यह कहा जाए कि प्रदेश के वन विभाग में शासन का कानून नहीं चलता है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। दरअसल, विभाग में होने वाले घपले-घोटाले और अन्य घटनाओं की जांच तो करा ली जाती है, लेकिन जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उसे अलमारी में बंद कर दिया जाता है। यानी दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे विभाग में भर्राशाही और लालफीताशाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। यह ऐसा विभाग है जिसमें अफसरान मंत्री विजय शाह की भी नहीं सुनते हैं।
वन विभाग में कई ऐसे मामले हैं जिनकी जांच कराई गई, लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। बैतूल की घटना को लेकर एपीसीसीएफ एसपी शर्मा ने अपनी रिपोर्ट विभाग को दे दी है पर कार्रवाई अब तक नहीं हुई। इसी प्रकार खरगोन में एसडीओ को धमकाने वाले रेंजर के खिलाफ अब तक कोई जांच भी शुरू नहीं हो पाई। हास्यापद पहलू यह भी है कि सागर में 20 करोड़ वनीकरण क्षतिपूर्ति घोटाले के दागी डीएफओ के तबादले के प्रस्ताव लौटती डाक से भेजने संबंधित शासन के निर्देश पर एक महीने बाद भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। बैतूल सांसद दुर्गादास उईके ने सीएम को पत्र लिखकर सीसीएफ को धमकाने वाले रेंजर को स्थानांतरित करने के लिए पत्र लिखा है।
ऑडियो वायरल होने के बाद मचा था बवाल
अभी हाल ही में एक ऑडियो वायरल होने के बाद जमकर बवाल मचा था। दरअसल, बैतूल सर्किल में अनुसंधान एवं विस्तार में लंबे समय से पदस्थ रेंजर सुनील जैन ने सागर सीसीएफ एके सिंह को मोबाइल फोन पर गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए धमकाया कि आपको ऐसा उलझाऊंगा कि आप कल्पना भी नहीं कर पाओगे। इस बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने एपीसीसीएफ एसपी शर्मा की अध्यक्षता में 2 सदस्य कमेटी गठित की थी। एपीसीसीएफ शर्मा ने अपनी रिपोर्ट 30 दिसंबर 22 को विभाग प्रमुख आरके गुप्ता को सौंप दी। इस रिपोर्ट के बाद एक्शन लेने के लिए विभाग प्रमुख ने मंत्रालय फाइल भेज दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब बैतूल सांसद दुर्गादास उईके ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर रेंजर सुनील  जैन को बैतूल से बाहर स्थानांतरित करने का आग्रह किया है। पत्र में लिखा है कि रेंजर सुनील जैन की कार्यप्रणाली विवादित होने के साथ-साथ उच्च अधिकारियों से भी संबंध अच्छे नहीं है। वहीं खरगौन वन मंडल के रेंजर पीयूष चौधरी ने भीकनगांव एसडीओ दिनेश वास्कले को 6 दिसंबर को आग लगाने की धमकी देते हुए ऑडियो वायरल हुआ था। एसडीओ वास्कले ने रेंजर के खिलाफ डीएफओ खरगोन और सीसीएफ खंडवा को लिखित शिकायत की थी। डेढ़ महीने बाद भी खंडवा सीसीएफ आरपी राय ने कोई कार्यवाही नहीं की, यहां तक कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय से भी सीसीएफ राय को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए, किंतु रंजन के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बताया जाता है कि रेंजर चौधरी सीसीएफ राय का काफी करीबी है, इसीलिए उसे बचाया जा रहा है।
मंत्री की घोषणा का पालन नहीं
वन मंत्री विजय शाह ने विधानसभा में 20 करोड़ के वनीकरण क्षतिपूर्ति घोटाले के आरोप से घिरे सागर डीएफओ नवीन गर्ग को हटाने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के आधार पर ही मंत्रालय से लौटती डाक से प्रस्ताव भेजने संबंधित आदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय को भेजा। प्रशासन एक शाखा के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नवीन को हटाने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया है। अब मंत्रालय को ही आदेश जारी करना है। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि गर्ग अपनी प्राइम पोस्टिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं, इससे मंत्री की घोषणा का भी पालन हो जाएगा और गर्ग को मनचाही पदस्थापना भी मिल जाएगी।

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