कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बढ़ी मुश्किलें, उतरना होगा चुनाव में

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  • स्थानीय चेहरों को प्रत्याशी बनाने की मांग उठी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब कांग्रेस का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर है। कांग्रेस हर हाल में अपनी स्थिति में सुधार करना चाहती है। ऐसे में वह अपने दिग्गज नेताओं को चुनाव में उतारना चाहती है, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज इसके लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें हार का डर सता रहा है। यही वजह है कि अब पार्टी ने तय कर लिया है कि जिन बड़े नेताओं के नाम सर्वे में आएंगे, उन्हें हर हाल में लोकसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी मैदान में उतरना ही होगा। पार्टी के इस निर्णय से दिग्गज नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, पार्टी में इस बार स्थानीय नेताओं को ही प्रत्याशी बनाए जाने की मांग उठने लगी है।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश में अपनी मौजूदा एक सीट को सुरक्षित रखने के साथ ही उसमें अन्य सीट जीतने के लिए कांग्रेस एक-एक सीट पर कड़ी मेहनत कर रही है। इसके तहत प्रत्याशी चयन से लेकर सीट जीतने तक की रणनीति पर भोपाल से लेकर दिल्ली तक लगातार मंथन किया जा रहा है। पार्टी चाहती है कि वह हर हाल में इस माह के अंत तक प्रदेश में अधिकांश सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों के नाम तय कर उसकी घोषणा कर दे, जिससे प्रत्याशियों को फायदा मिल सके। इसके लिए पार्टी द्वारा हर सीट का पूरा ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है। इसमें जातिगत समीकरणों से लेकर प्रत्याशी का प्रभाव तक शामिल होगा। इसके साथ ही पार्टी ने तय किया है कि सर्वे में यदि किसी सीट पर नेता विशेष का नाम जीतने वाले उम्मीदवार के रूप में आता है, तो उसे चुनाव मैदान में हर हाल में उतारा जाएगा। इसमें नेता की मनमर्जी नहीं चलेगी। रणनीति के तहत प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार इन सीटों पर दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं। गौरतलब है कि अभी प्रदेश में एक मात्र छिंदवाड़ा सीट पर ही पार्टी का कब्जा है। कांग्रेस हर हाल में अपने लोकसभा सीट की संख्या में वृद्धि करना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस हर उस कदम को उठाना चाहती है, जिससे की पार्टी को फायदा हो सके। इसमें दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ाने के साथ ही विधायक व पूर्व विधायकों को भी प्रत्याशी बनाने से होने वाले फायदे का भी आंकलन किया जा रहा है। इसमें जो भी चेहरा खरा उतरेगा, उसका नाम हाईकमान को भेज दिया जाएगा। वहीं से प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा। यह बात अलग है कि फिलहाल अधिकांश दिग्गज चुनाव न लड़ने की मंशा जता चुके हैं, ऐसे में सभी की नजर दिल्ली पर है। उधर, स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष साफ कह चुकी हैं कि किसी के इंकार करने से कुछ नहीं होगा। किसे चुनाव लड़ना है। इस पर दिल्ली फैसला करेगा। जिसका नाम पार्टी तय करेगी, उसे चुनाव लडऩा ही होगा। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी चुनाव  नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, जबकि कुछ दिग्गज इसी तरह की मंशा इशारे ही इशारे में जता चुके हैं। दरअसल पार्टी इस बार दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, बाला बच्चन, तरुण भानोट, विजय लक्ष्मी साधौ और सज्जन सिंह वर्मा जैसे चेहरों को लोकसभा प्रत्याशी बनाना चाहती है।
जीत के लिए चंबल के नेताओं ने मांगे स्थानीय प्रत्याशी
हाल ही में समन्वयकों की हुई अलग- अलग बैठकों में भिंड, मुरैना के नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी व मप्र प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह से कहा कि अगर पार्टी को जीत दिलाना है तो स्थानीय प्रत्याशी दिए जाएं। इस दौरान ग्वालियर के लोकसभा समन्वयकों की बैठक में डबरा विधायक सुरेश राजे ने कहा कि अनुशासनहीनता व भितरघात करने वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। इसी तरह से ग्रामीण विधायक साहब सिंह व ग्वालियर से प्रत्याशी रहे सुनील शर्मा ने भी विधायक के आरोप पर हो में हां मिलाई। भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब तक जो हुआ वो हुआ, अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा। 

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