दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़ेगा उज्जैन

उज्जैन
  • बनाया जाएगा नया फोरलेन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चार साल बाद होने वाले सिंहस्थ के लिए उज्जैन को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जा रहा है, ताकि श्रद्धालु सुगमता से यहां पहुंच सकें। इसी कड़ी में मालवा क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से इंदौर, उज्जैन को भी जोड़ा जा रहा है। देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया फोर लेन रोड बनाकर इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि मप्र के मालवा क्षेत्र से देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के तीन जिलों मंदौसौर (102 किमी), रतलाम (90 किमी) और झाबुआ (52 किमी) से गुजरेगा। प्रदेश के इन तीन जिलों में एक्सप्रेस-वे की लंबाई कुल 245 किमी है। 245 किमी में 106 किमी रोड बनकर तैयार है जबकि बाकी नवंबर 2022 तक पूरा होगा। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1,350 किमी है। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने पर दिल्ली-मुंबई का सफर 12 घंटे में तय हो सकेगा। इंदौर को राऊ-देवास बायपास के जरिए गरोठ में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) से जोड़ा जाएगा। इंदौर से गरोठ तक कुल 173 किलोमीटर फोरलेन सडक़ बनाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1890 करोड़ रुपए बताई जा रही है। मंदसौर जिले के गरोठ में ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जंक्शन बनाया जा रहा है। गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। बसई के पास की जमीन पर इंडस्ट्री लगाई जाएंगी। यह एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खोलेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे वड़ोदरा से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में एंट्री लेगा। फिर थांदला, सैलाना, खेजडिय़ा, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा। दिल्ली से लेकर मुंबई तक पहले फेज में 8 लेन हाईवे का निर्माण जारी है। भविष्य में ट्रैफिक बढऩे पर दूसरे फेज में इसे 12 लेन में बदला जाएगा। इस हाईस्पीड कॉरिडोर के आसपास लॉजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रियल यूनिट, एग्रिकल्चरल प्रोडक्शन सेंटर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जानी है।
खर्च होंगे 2000 करोड़
वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए बड़ा प्रोजेक्ट प्लान किया गया है। मप्र से होकर गुजर रहे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को उज्जैन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए फोर लेन रोड बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके निर्माण के लिए सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। सेंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने यह योजना तैयार की है। शुरुआती योजना के मुताबिक जावरा से उज्जैन के बीच फोर लेन ग्रीन फील्ड मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इसके दोनों ओर यात्रियों की सुविधा के लिए फूड प्लाजा समेत अन्य सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इसकी लंबाई लगभग 85 किमी होगी। यह एक्सेस कंट्रोल रहेगा। यानि हर कही से वाहन इस रोड पर नहीं आ सकेंगे। इससे वाहन न केवल तय रफ्तार से बल सकेंगे, बल्कि दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाएगी। यह रोड बनने से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से उज्जैन की कनेक्टिविटी अच्छी हो जाएगी और सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं की दिक्कत नहीं होगी।
ये सडक़ें भी बनेगी सिक्स लेन
सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के लिए कई और सडक़ों को चौड़ा किया जाना है। भोपाल से देवास और इंदौर से उज्जैन के बीच रोड नेटवर्क बेहतर बनाया जाएगा। इसके लिए राजधानी से देवास तक स्टेट हाइवे नं 28 को सिक्स लेन किया जाएगा। यह फिलहाल फोर लेन है। निर्माण पूरा होने पर भोपाल से देवास के बीच 141 लंबे मार्ग पर वाहन सरपट दौड़ सकेंगे। देवास से इंदौर का रास्ता पहले से ही सिक्स लेन है। ऐसे में भोपाल- इंदौर का ट्रैफिक सिक्स लेन पर चलेगा। इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन रोड को भी सिक्स लेन किया जाना है। इस पर 1692 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर किया जाएगा। इस 46 किमी लंबे मार्ग को सिक्स लेन करने के लिए चयनित एजेंसी को दो साल का समय दिया जाएगा।

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