पटरी से उतरी उद्यम क्रांति योजना

उद्यम क्रांति योजना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार तीन पुरानी स्वरोजगार योजनाओं को बंद करके उद्यम क्रांति लेकर आई है। लेकिन यह योजना अल्प समय में ही पटरी से उतर गई है। इसलिए युवाओं के आत्मनिर्भर बनने की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दरअसल, उद्यम क्रांति योजना में सब्सिडी खत्म कर दी गई है और अनुदान के नाम पर ब्याज में छूट दी जा रही है।
गौरतलब है कि स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनाएं हैं। उद्यम क्रांति योजना उनमें से एक है। इस योजना के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को विभिन्न प्रकार के लोन प्रदान किए जाते हैं। जिसके माध्यम से वे अपना बिजनेस स्थापित कर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 1 लाख से 50 लाख तक का लोन दिया जाता है। प्रावधान था कि लोन में राज्य सरकार द्वारा 3 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी। लेकिन उद्यम क्रांति योजना से ऋण लेने के नए नियमों में फेरबदल कर दिया गया है। यानी योजना में ऋण लेने पर सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है। बैंक लोन में सिर्फ ब्याज पर 3 और 5 प्रतिशत की छूट मिल रही है।  ऋण लेने वाले सामान्य और ओबीसी वर्ग के युवाओं लिए मात्र तीन प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी, जबकि एससी व एसटी वर्ग के लिए पांच प्रतिशत ब्याज माफ किया जाएगा। पहले सब्सिडी के साथ पांच प्रतिशत ब्याज पर छूट का प्रावधान था। इस नई योजना में बैंक पहले पूरा ब्याज काटेगी। फिर तीन महीने बाद ब्याज राशि वापस करेगी।
किसी भी जिले में लक्ष्य पूरा नहीं
सरकार ने जिस उद्देश्य के साथ योजना शुरू की गई थी वह पूरी होती नहीं दिख रही है। योजना से प्रदेश में कर्ज लेकर उद्योग खोलने वालों की संख्या कुल लक्ष्य का महज 10 प्रतिशत ही है। निवाड़ी जिले में 600 का लक्ष्य था लेकिन 112 लेागों ने ही आवेदन किए। वहीं  डिंडोरी में 1000 का लक्ष्य 261 आवेदन, मंडला में 1200 का लक्ष्य 217 आवेदन, अनूपपुर में 1400 का लक्ष्य 183 आवेदन, बड़वानी में 1600 का लक्ष्य 259 आवेदन, टीकमगढ़ में 1800 का लक्ष्य 441 आवेदन, छतरपुर में 2000 का लक्ष्य 320 आवेदन, बैतूल में 2400 का लक्ष्य 568 आवेदन, धार में  2800 का लक्ष्य 582 आवेदन और रीवा में 3000 का लक्ष्य 1714 आवेदन किए गए हैं। प्रदेश में से 13 जिले ऐसे हैं, जिनमें लक्ष्य के अनुसार सबसे कम आवेदन आए। इनमें भी फ्रेशर्स की संख्या कम है। अधिकांश उन्हीं ने आवेदन किए हैं, जिन्हें व्यवसाय को आगे बढ़ाना है। इस मामले सागर की उद्योग विभाग की महाप्रबंधक मंदाकनी पांडेय ने कहा कि हम तो अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सर्वे कराया है। इसके बाद भी ऋण लेने के लिए कम आवेदन आए हैं।

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