दूर दराज के दो थानों ने बचाई मध्यप्रदेश पुलिस की इज्जत

मध्यप्रदेश पुलिस
  • केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण रिपोर्ट ने खोली पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र पुलिस और राज्य सरकार भले ही कितने दावे करे कि प्रदेश में पुलिस अच्छा काम कर रही है, लेकिन वास्तविकता इसके इतर ही है। यह हम नहीं कह  रहे हैं बल्कि यह कहना है केन्द्रीय गृह मंत्रालय का। वह तो अच्छा हुआ है कि प्रदेश के दूरदराज अंचल के दो थानों ने बेहतर काम करते हुए प्रदेश की लाज बचा ली अन्यथा प्रदेश में ऐसे किसी थाने में अच्छा काम नहीं हो रहा है जिन्हें देश के अच्छे 75 थानों में जगह मिल पाए।
    हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में  सिंगरौली जिले का लंघाडोल थाना और छिंदवाड़ा का नवेगांव थाने को उत्कृष्ट पाया गया है जबकि सुख सुविधाओं वाले राजभोगी शहरों तक के थाने इस मामले में फिसड्डी पाए गए हैं। इस रिपोर्ट में मप्र का ऐसा कोई थाना नहीं है जिसे पहले दस उत्कृष्ट थानों की सूची में जगह मिली हो। अगर राज्यवार थानों की सूची देखें तो जरुर सिंगरौली जिले का लंघाडोल थाने को 20वें स्थान पर जगह दी गई है, जबकि प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन की श्रेणी में छिंदवाड़ा का नवेगांव तीसरे और सिंगरौली जिले का लंघाडोल थाना सातवें स्थान पर जगह बनाने में सफल रहा है। दरअसल देश के उत्कृष्ट थानों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत करने की प्रक्रिया हर साल की जाती है। इस साल भी इस सर्वेक्षण के माध्यम से देशभर के 16955 स्वीकृत थानों में से 74 का चयन किया गया था। इसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से प्राप्त आंकड़ों की मदद ली गई।
    अभिलेख और सर्वेक्षण के आधार पर मूल्यांकन
    मूल्यांकन प्रक्रिया को दो भागों में बांटा गया था। थानों के वार्षिक कार्यकाल के आधार पर 80 अंक निर्धारित किए गए। शेष 20 अंक सर्वेक्षण में तय किए गए। इसके लिए 60 मूल्यांकनकर्ताओं को प्रशिक्षित कर तय स्थानों पर भेजा गया। सर्वेक्षण को दो भागों में विभाजित किया गया। पहले में थानों में बुनियादी सुविधाओं को शामिल किया गया। दूसरे भाग में थाना क्षेत्र के आसपास दुकानदारों और रहवासियों से फीडबैक लिया गया। इसमें थानों में शिकायत दर्ज कराने आए लोगों से भी बात की गई।
    इन आधारों पर होता है चयन
    सर्वे में जिन आधारों पर उत्कृष्ट थानों का चयन किया जाता है उनमें, अपराधों पर कार्रवाई समेत लोगों की सुनवाई और केसों का समय पर निपटान शामिल है। प्रदेश के 1117 स्वीकृत थानों में से तीन का चयन सर्वेक्षण के लिए किया गया। इनमें सिंगरौली जिले के लंघाडोल, नवानगर और छिंदवाड़ा जिले का नवेगांव थाना शामिल था। सर्वे के लिए प्रत्येक राज्य से अधिकतम तीन और केंद्र शासित प्रदेशों से एक-एक थानों को शामिल किया गया। मूल्यांकन के लिए महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराधों पर कार्रवाई, संपत्ति संबंधी अपराधों पर कार्रवाई समेत गुमशुदगी, अज्ञात शव मामले में की गई कार्रवाई को मानक माना गया।
    इस तरह से किया गया मूल्यांकन
    दो भागों में विभाजित अभिलेख मूल्यांकन के पहले भाग अपराध आधारित मूल्यांकन के आठ मापदंडों पर थानों को परखा गया। अपराधों की रोकथाम और सक्रिय उपाय, मामलों का निपटान, कानून व्यवस्था, एसीबी द्वारा पकड़े गए अधिकारी और निलंबन शामिल था। इसमें प्रदेश का कोई थाना जगह नहीं बना सका। प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन में छिंदवाड़ा जिले का नवेगांव देशभर में तीसरे और सिंगरौली का लंघाडोल थाना सातवें नंबर पर रहा।

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