महुए से बनी शराब को पसंद कर रहे लोग…
भोपाल/बिच्छू डॉट काम। मप्र की बहुप्रतिक्षित हेरिटेज शराब ‘मोंड’ का ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रायल में ही यह शराब लोगों को खूब पसंद आ रही है। गौरतलब है कि प्रदेश को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के मकसद से तैयार की गई महुए की हेरिटेज शराब को मप्र पर्यटन विकास निगम की होटल में फीडबैक के लिए पहुंचा दिया गया है। प्रदेश के दो रीजन की पांच होटलों में पहुंचाई गई इस शराब को लेकर फीडबैक भी लिया जा रहा है। मप्र पर्यटन विकास निगम की होटलों में टेस्टिंग के लिए इसे रखवाया गया है।
इस हेरिटेज शराब को ‘मोंड’ नाम दिया गया है। प्रदेश सरकार ने महुए से बनने वाली इस हेरिटेज शराब के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत आलीराजपुर और डिंडोरी जिले का चयन किया था। सबसे पहले आलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है। जिला प्रशासन के निर्देशन में लंबे समय से इस पर काम किया जा रहा था। टेस्टिंग के बाद पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में इसे पर्यटन विकास निगम के होटल में पहुंचाया गया है। प्रदेश के 6 रीजन में से फिलहाल इसे इंदौर रीजन के मांडू और भोपाल रीजन की चार जगह पर इसे रखवाया गया है, जहां आने वाले मेहमानों को उनकी मांग पर इसे टेस्ट करवाया जा रहा है और उनसे इसे लेकर फीडबैक भी लिए जा रहे हैं।
मुफ्त में पिलाई जा रही ‘मोंड’: अभी हेरिटेज शराब मप्र पर्यटन निगम के होटलों के बार में ट्रायल के तौर पर परोसी जा रही है। बार में जो भी व्यक्ति शराब पीने जा रहे हैं, उन्हें हेरिटेज शराब का 60 मिलीलीटर का एक पैग मुफ्त में दिया जा रहा है। साथ ही उनसे हेरिटेज शराब को लेकर एक फॉर्म भरवाकर फीडबैक लिया जा रहा है। लोगों से पूछा जा रहा है कि हेरिटेज शराब का टेस्ट कैसा है, इसकी खुशबू कैसी है, यह स्ट्रांग है या लाइट आदि। लोगों से मिले सुझाव के आधार पर हेरिटेज शराब की क्वालिटी में आवश्यक बदलाव किया जाएगा। इसके बाद हेरिटेज शराब का वृहद स्तर पर उत्पादन शुरू कर इसकी मार्केट में बिक्री शुरू की जाएगी। मप्र पर्यटन निगम के होटलों में 18 बार हैं।
180 मिलीलीटर की पैकिंग में उपलब्ध
सरकार ने पिछले साल आबकारी नीति में अलीराजपुर और डिंडोरी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हेरिटेज शराब का उत्पादन करने का फैसला किया था। अलीराजपुर और डिंडोरी में आदिवासी स्व सहायता समूहों द्वारा हेरिटेज शराब बनाने की यूनिट लगाई गई हैं। अलीराजपुर में हनुमान आजीविका स्व सहायता समूह ने हेरिटेज शराब का उत्पादन शुरू कर दिया है। हेरिटेज शराब के ब्रांड को मोंड नाम दिया गया है। हेरिटेज शराब 180 मिलीलीटर की पैकिंग में उपलब्ध होगी। डिंडोरी यूनिट से भी हेरिटेज शराब का उत्पादन जल्द शुरू किया जाएगा। हालांकि, आने वाले समय में ये 90 एमएल और 750 एमएल की पैकिंग में भी उपलब्ध होगी। कट्ठीवाड़ा में हेरिटेज शराब निर्माण के लिए तैयार यूनिट का संचालन स्व सहायता समूह कर रहा है। समूह में काम करने वाली टीम के सदस्य को इसके लिए पुणे के वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग भी दिलवाई जा चुकी है। इसी इंस्टिट्यूट में शराब की गुणवत्ता की जांच भी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी
दरअसल, मप्र देश का पहला राज्य है, जो महुए से शराब का निर्माण कर उसे वैध तरीके से बेचने जा रहा है। सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान हेरिटेज शराब की शुद्धता पर है, क्योंकि सरकार इसकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी कर रही है। सरकार का मानना है कि यदि हेरिटेज शराब की ठीक से ब्रांडिंग की जाए, तो देश ही नहीं पूरी दुनिया में इसकी अलग पहचान बन सकती है। यही वजह है कि सरकार हेरिटेज शराब की क्वालिटी को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद इसकी बिक्री शुरू करेगी। सरकार हेरिटेज शराब निर्माण करने वाले स्व सहायता समूहों को कई तरह की रियायतें देने जा रही है। उप सचिव वाणिज्यिक कर ओपी श्रीवास्तव का कहना है कि अलीराजपुर यूनिट में हेरिटेज शराब का उत्पादन शुरू हो गया है। हेरिटेज शराब बाजार में जल्द उपलब्ध होगी।