- पांच साल में 1680 करोड़ का बढ़ा लक्ष्य
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार का खजाना भरने में जिन विभागों की अहम भूमिका होती है, उनमें परिवहन विभाग भी शामिल है। इस विभाग को नए वित्त वर्ष में बीते साल की तुलना में 480 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व जुटाने का टारगेट दिया गया है। सरकार द्वारा इस विभाग के लिए इस बार 5,280 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह बात अलग है कि लक्ष्य दिया है। हालांकि पिछले साल सरकार द्वारा विभाग को 4800 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य दिया गया था, जो की पूरा नहीं हो सका है। इस लक्ष्य की तुलना में विभाग 200 करोड़ पीछे रहा है। यह बात अलग है कि नए वित्त वर्ष का डेढ़ ़ माह होने को है, लेकिन अब तक विभाग ने अपने मैदानी कार्यालयों व चेकपोस्टों के लिए राजस्व वसूली का लक्ष्य ही तय नहीं किया है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि इस बार भी विभाग शायद ही तय किए गए लक्ष्य को हासिल कर पाए। उधर, विभाग के अफसर भी तय किए गए लक्ष्य को अधिक बता रहे हैं। अफसरों का कहना है कि विभाग का लक्ष्य इस बात पर निर्भर करता है कि साल में कितने नए वाहन खरीदे जाते हैं। दरअसल विभाग को सर्वाधिक कमाई नए वाहनों के रजिस्ट्रेयान पर मिलने वाली फीस से होती है। इस साल 1 जनवरी से 8 मई तक 5.67 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इस मामले में विभाग के आला अफसरों का कहना है कि तय किए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए अवैध वाहन और ओवरलोडिंग वाहनों पर जुर्माने की कार्रवाई तेज कर कर राजस्व लक्ष्य हासिल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
बीते साल इसलिए रहा लक्ष्य अधूरा
बीते वित्त वर्ष में पहले सरकार द्वारा परिवहन विभाग को 4440 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया गया था, जिसे विभाग ने हासिल करते हुए 160 करोड़ रुपए अतिरिक्त आय भी अर्जित कर ली थी, लेकिन सरकार ने बीच साल में पूर्व से तय लक्ष्य में चार सौ करोड़ की वृद्धि करते हुए उसे 4800 करोड़ कर दिया था। जिसकी वजह से विभाग को लक्ष्य से 200 करोड़ रुपए पीछे रहना पड़ा है। अगर बीते पांच सालों की विभाग की आय देखें तो दो बार ऐसो मौक आएं हैं जब विभाग ने तय लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जित किया है।
राजस्व लक्ष्य को लेकर पांच साल का लेखा-जोखा
साल लक्ष्य प्राप्त राशि
2019-20 3600 करोड़ 3266 करोड़
2020-21 2600 करोड़ 2746 करोड़
2021-22 3200 करोड़ 3026 करोड़
2022-23 3800 करोड 4012 करोड़
2023-24 4800 करोड़ 4600 करोड़
2024-25 5280 करोड़ —-