600 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक अधिक देना होंगे पर्यटकों को

  • वन्य जीवों को देखना होगा दस फीसदी तक मंहगा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अब टाइगर देखना महंगा होना तय है। इसकी वजह है, इनमें प्रवेश के लिए लिए जाने वाले शुल्क में दस फीसदी की वृद्धि करने का लगभग फैसला कर लिया गया है। मप्र देश का ऐस राज्य है, जहां पर सर्वाधिक टाइगर पाए जाते हैं। इन्हीं टाइगर को देखने सर्वाधिक पर्यटक प्रदेश के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क में आते हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश के अलग-अलग टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क में प्रवेश शुल्क अलग-अलग है। इसकी वजह से प्रवेश शुल्क में कम से कम 6 सौ से लेकर एक हजार  रुपए तक की वृद्धि होगी। गौरतलब है कि प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क का प्रवेश शुल्क बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पिछले साल भी तैयार हुआ था। शुल्क बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव शासन के पास भी भेजा गया था, लेकिन चुनावी साल होने के चलते इस पर सहमति नहीं बन पाई थी, जिसकी वजह से उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया था। अब एक बार फिर से प्रवेश शुल्क बढ़ाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। टाइगर रिजर्व का प्रवेश शुल्क हर तीन साल में बढ़ाया जाता है। इसके चलते पिछले दो साल से वन विभाग टाइगर रिजर्व के प्रवेश शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव बना रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क के प्रवेश शुल्क इजाफा हो जाएगा। इससे बांधवगढ़, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व सहित अन्य क्षेत्रों में बाघों का दीदार करना भी अब महंगा हो जाएगा। प्रदेश को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद से देश-विदेश के पर्यटक भी प्रदेश में बाघों को देखने आ रहे हैं।
दस साल में दोगुने हुए पर्यटक
प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले साल प्रदेश के टाइगर रिजर्व में 26 लाख से अधिक पर्यटक घूमने पहुंचे थे। साल 2013-14 में टाइगर रिजर्व में घूमने जाने वाले पर्यटकों की संख्या 10 लाख 9 हजार थी। साल 2021-22 से टाइगर रिजर्व और जंगल में घूमने वालों की संख्या इजाफा हुआ है। साल 2024 अभी खत्म नहीं हुआ है। इस साल अब तक 20 लाख से अधिक पर्यटक टाइगर रिजर्व में पहुंच चुके है। कोरोनाकाल में साल 2019-20 और 2020-21 में पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी।
प्रदेश में हैं सबसे ज्यादा 6 टाइगर रिजर्व
अभी मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 6 (सतपुड़ा, पन्ना, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और संजय दुबरी) टाइगर रिजर्व हैं। यहां पांच नेशनल पार्क और 10 सेंचुरी भी हैं। देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में पहली बार बाघों की संख्या 785 पहुंच गई है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य अभी पन्ना टाइगर रिजर्व और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के लिए एक गलियारे के रूप में कार्य करता है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से रानी दुर्गावती वन्यजीव अभ्यारण्य के माध्यम से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ता है।
प्रदेश में सात टाइगर रिजर्व
टाइगर स्टेट मप्र में सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व हैं। सातवां टाइगर रिजर्व इसी साल बना है। नौरादेही और रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर सातवां टाइगर रिजर्व बनाया गया है। इस टाइगर रिजर्व में भी अब पर्यटक घूमने जाने लगे हैं। इसके अलावा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद हैं। इन टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की हमेशा भीड़ सहती है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में प्रदेश के सबसे ज्यादा बाघ हैं। वहां पयर्टकों को आसानी से बाघ देखने को मिल जाते हैं।

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