- पर्यटकों को लुभाने में पिछड़ रहा है भोपाल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सैलानियों को अब मध्यप्रदेश रास आने लगा है। यही वजह है कि अब मप्र में औसतन हर माह एक करोड़ से अधिक पर्यटक आ रहे हैं। प्रदेश में पर्यटकों की बढ़ती संख्या की सबसे बड़ी वजह में उज्जैन के महाकाल लोक का योगदान है।
इसके अलावा मैहर और चित्रकूट भी पर्यटकों की पंसद बनकर उभरे हैं। इससे न केवल लोगों का रोजगार बढ़ा है, बल्कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बीते एक साल में 13 करोड़ से अधिक सैलानी आए हैं। इनमें से करीब आधे पर्यटक तो अकेले उज्जैन पहुंचे हैं। एक साल में उज्जैन पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या सवा सात करोड़ से अधिक रही है। इससे समझा जा सकता है कि अकेले उज्जैन में ही हर माह औसतन करीब 60 लाख पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटकों की यह संख्या 2023 की तुलना में दो करोड़ अधिक है। दरअसल वर्ष 2023 में उज्जैन 5.28 करोड़ लोग महाकाल बाबा के दर्शन करने पहुंचे थे। इसके उलट भोपाल में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आयी है। आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 19.50 लाख लोग भोपाल में पर्यटन के लिए आए थे। इसमें करीब करीब पौने चार लाख पर्यटकों की कमी आयी है। दरअसल भोपाल में पर्यटन स्थलों की कमी है। जो भी पर्यटक भोपाल आते हैं , उनका मकसद भोपाल के आसपास के इलाकों में जाने का होता है। भोपाल के आसपास भोजपुर , भीम बैठका और संाची जैसे पर्यटन स्थल हैं, जो दूसरे जिलों के तहत आते हैं।
अच्छा माहौल भी है बड़ी वजह
मप्र में अच्छा माहौल होना भी पर्यटन बढऩे की एक वजह है। इसके अलावा सरकार के प्रयासों से पर्यटन स्थलों का लगातार विकास होना और कम कीमत में मिलने वाली सुविधाओं की वजह से भी पर्यटकों को मप्र लुभाने लगा है। धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढऩे का मुख्य कारण वहां मिलने वाली मानसिक व आध्यात्मिक शांति है। लोग चाहते हैं कि वे जहां भी जाएं, वहां घूमने के अलावा उन्हें आध्यात्मिक के साथ पॉजिटिव एनर्जी मिले। इसलिए उज्जैन, मैहर, सलकनपुर, भोजपुर, चित्रकूट आदि धार्मिक स्थानों पर लोगों को जब भी मौका मिलता है, वे वहां पहुंच जाते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
मप्र में पर्यटकों के बढऩे का एक और मुख्य कारण यह भी है कि यहां पर इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में खासा विकास हुआ है। उज्जैन का महाकाल लोक इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। यहां पर धार्मिक पर्यटन में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही सांस्कृतिक, ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी आसान तरीके से पर्यटकों तक पहुंच रही है। मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने भी पर्यटन स्थलों पर लोगों के लिए पॉजिटिव माहौल बनाया है। इसके साथ ही अपने यूनिटों के माध्यम से प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य की जानकारी भी आसानी से पहुंचाई है। इसका फायदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलने लगा है और लोगों को स्थाई रूप से रोजगार भी उपलब्ध होने लगा है।
कहां कितने आए पर्यटक
जगह पर्यटकों की संख्या
उज्जैन 7 करोड़ 25 लाख 35 हजार
मैहर 1 करोड़ 46 लाख 14 हजार
चित्रकूट 1 करोड़ 98 लाख 12 हजार
इंदौर 96 लाख 64 हजार 868
अमरकंटक 38 लाख 78 हजार 660
भोजपुर 35 लाख 92 हजार 723
ओंकारेश्वर 29 लाख 85 हजार 950
सलकनपुर 26 लाख 55 हजार 850
भोपाल 15 लाख 70 हजार 575
नर्मदापुरम 14 लाख 46 हजार 768