बफर जोन में विकसित होंगी पर्यटन सुविधाएं

पर्यटन सुविधाएं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार का इन दिनों पर्यटन पर फोकस बना हुआ है। यही वजह है कि सरकार द्वारा कई पर्यटन की योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके चलते ही अब प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व के बफर जोन को भी  विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना पर अमल होने से पर्यटकों को बफर जोन भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकेंगे। बफर जोन में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह योजना बनाई जा रही है। मप्र के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों में वृद्धि हो रही है। पर्यटकों की संख्या जब टाइगर रिजर्व में ज्यादा हो जाती है, तो ये बफर जोन का पर्यटन के लिए चयन किया जाता है। यही वजह है कि अब बफर जोन को भी विकसित किया जाएगा। बफर जोन में पार्क, वाटर फॉल, ड्यू पाइंट बनाए जाएंगे। इसके अलवा, सडक़, पुल-पुलिया का निर्माण भी किया जाएगा। बफर जोन के गांवों में पर्यटकों को स्थानीय भोजन और रहने की व्यवस्था भी कराई जाएगी. जिससे लोग जंगल में रहने वालों के खान-पान और रहन-सहन का अहसास कर सकेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा बफर जोन के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जा रही है। अभी बफर जोन में होने वाले विकास कार्य टाइगर रिजर्व की गेट मनी से होते है। अब बफर जोन के लिए वन विभाग अलग से बजट की व्यवस्था करने जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में अब 7 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। रानी दुर्गावती सातवां टाइगर रिजर्व बना है। इसके अलावा रातापानी को भी टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी चल रही है। केंद्र से पहले ही इसकी सहमति मिल चुकी है। दरअसल, बफर जोन वह क्षेत्र होता है जो मुख्य क्षेत्रों से घिरा या जुड़ा हुआ होता है, जहां भूमि या पानी के संगत मानव उपयोग के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण किया जाता है। इनमें पारिस्थितिक पर्यटन, मनोरंजन, टिकाऊ कृषि और वानिकी और अन्य जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं।
हाथियों से सफारी की है योजना
प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में हाथियों से पर्यटकों को सफारी की भी योजना है। दरअसल मार्च में हुई वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन अधिकारियों को यह सुझाव दिया था। इसके बाद से वन विभाग प्रदेश के कुछ टाइगर रिजर्व में यह सुविधा शुरू कर सकता है। प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अभी बाघ सहित अन्य बन्य प्राणियों के रेस्क्यू में हाथियों का सहारा लिया जाता है। बांधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व में प्रशिक्षित हाथियों के दल हैं, जिनकी मदद से रेस्क्यू किया जाता है।
इन रिजर्व में आते हैं सर्वाधिक पर्यटक
प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व मुख्य हैं, जहां सबसे अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं। वर्ष 2020 से इन संरक्षित क्षेत्रों के बफर क्षेत्र को वर्षाकाल में पर्यटन के लिए खोला जा रहा है। इसके लिए पर्यटन विभाग बफर में सफर योजना भी चला रहा है। बफर जोन वह क्षेत्र जो मुख्य क्षेत्रों से घिरा या जुड़ा हुआ है जहां भूमि या पानी के संगत मानव उपयोग के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण किया जाता है।

Related Articles