- 16वीं विधानसभा में दिखी माननीयों की गरिमा

गौरव चौहान
मप्र की 16वीं विधानसभा का पंचम सत्र यानी बजट सत्र में भले ही 9 बैठकें हुईं, लेकिन इस दौरान जिस तरह सदन की कार्यवाही बिना हंगामे और बिना गतिरोध के चली, उससे एक बार फिर से मप्र की गरिमा लौटी है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन के संचालन के लिए जो नवाचार गढ़े हैं, उसका ही असर है कि 17 साल बाद मप्र विधानसभा का सदन चलने का रिकॉर्ड बना है। मप्र विधानसभा का बजट सत्र भले ही छोटा था, लेकिन इस दौरान जिस तरह विधायी, वित्तीय तथा लोक महत्व के कार्य संपन्न हुए, उससे मप्र विधानसभा एक बार फिर 21 साल पुरानी परिपाटी पर लौटती नजर आ रही है। गौरतलब है कि 2023 में जब सर्वसम्मति से नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया, तभी उन्होंने संकेत दे दिए थे कि विधानसभा सत्र तय समय के अनुसार पूरे समय चलाया जाएगा। अगर मानसून सत्र को छोड़ दिया जाए तो 16वीं विधानसभा में अब तक हुए सारे सत्र शांति और समन्वय के साथ चले हैं। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा भी की है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि वास्तव में हमारा लक्ष्य यही होता है कि लोकतंत्र समृद्ध हो और संसदीय कार्यप्रणाली प्रदेश और उसकी जनता की प्रगति तथा उन्नति का माध्यम बने।
दोनों पक्षों को बराबर का मौका
नरेंद्र सिंह तोमर जबसे विधानसभा अध्यक्ष बने हैं, तब से सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के विधायकों को भी सदन में अपनी बात रखने का पूरा मौका मिल रहा है। बजट सत्र के दौरान दोनों पक्षों के सदस्यों ने राज्यपाल का अभिभाषण, बजट पर सामान्य चर्चा, अनुदान मांगों पर चर्चा व अन्य विषयों पर गंभीरता से विस्तृत चर्चा की। इस दौरान यह बात भी देखने को मिली कि हंगामे या गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करने की नौबत नहीं आई। इस संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष तोमर का कहना है कि सदन में सार्थक चर्चा के माध्यम से ही जनता की समस्याओं का निराकरण होता है। सदन का चलना और चर्चा होना पक्ष और विपक्ष, दोनों के हित में है। इससे जहां एक ओर विपक्ष को प्रश्नों, ध्यानाकर्षण और विभिन्न संसदीय माध्यमों से सरकार को कटघरे में खड़ा करने का अवसर मिलता है, वहीं सरकार को अपनी कार्यप्रणाली में कमियों को दूर करने हेतु बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त होते हैं। वहीं विधायिका का कार्यपालिका पर नियंत्रण की वास्तविक तस्वीर भी परिलक्षित होती है।
सुविचारित नेतृत्व और कुशल रणनीति
विधानसभा में सकारात्मक और अनुशासित वातावरण के लिए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जिस सूझबूझ, धैर्य और संतुलन के साथ इस सत्र का संचालन किया, वह अभूतपूर्व है। आमतौर पर विधानसभा की कार्यवाही राजनीतिक टकराव और तीखी बहसों के चलते बाधित होती रही है, लेकिन इस बार की कार्यवाही एक शांत, व्यवस्थित और सार्थक संवाद का मंच बन गई। नरेंद्र सिंह तोमर न केवल एक अनुभवी और सुलझे हुए राजनेता के रूप में पहचाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने अध्यक्ष पद की इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया है। उनकी नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक समझ, संवाद कौशल और निष्पक्ष रवैये ने विधानसभा में एक सकारात्मक माहौल तैयार किया, जिससे सत्र की सभी बैठकें बिना किसी अवरोध के संपन्न हो सकीं। यह केवल एक संयोग नहीं, बल्कि नरेंद्र सिंह तोमर के सुविचारित नेतृत्व और कुशल रणनीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। बजट सत्र एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में सामने आया है, जो न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि एक आदर्श संचालन व्यवस्था का प्रतीक भी बन गया है। इस बार का सत्र शोरगुल से प्रभावित नहीं हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने गंभीरता और गरिमा के साथ अपनी भूमिका निभाई।
बजट सत्र में 55 घंटे चली कार्यवाही
10 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 24 मार्च तक तय समय के अनुसार चला। इस सत्र में 9 बैठकें हुईं, जिसमें कुल 2939 प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे गए, जिसमें 1448 तारांकित और 1491 अतारांकित प्रश्न थे। 624 ध्यानाकर्षण सूचना थी, जिसमें 33 सूचनाएं ग्राह हुई। शून्यकाल की 183 सूचनाएं एवं 510 याचिकाएं मिली थी। बजट सत्र में 4 शासकीय विधेयक और 1 अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इन 9 दिनों के दौरान सदन की कार्यवाही 55 घंटे तक चली। गौरतलब है कि वर्ष 2004 से लेकर 2025 के मानसून सत्र तक पिछले 21 साल में मप्र विधानसभा की 119 बैठकें आयोजित की गईं। लेकिन विडंबना यह है कि इनमें से मात्र 79 दिन ही विधानसभा चल सकी है।
16 साल बाद विधानसभा में होली मिलन
अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की एक उपलब्धि यह भी रही कि करीब 16 साल बाद विधानसभा में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। तोमर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से सहमति लेकर होली का उत्सव फूलों के रंग से खेला। इस अवसर पर सभी दलों के विधायक-मंत्री और पत्रकारों ने दिल खोलकर फूलों की होली खेली और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को घेरकर फूलों से नहला दिया। माहौल तो रंगारंग और रोमांचित तब हो गया जब कैलाश विजयवर्गीय ने भजन और गीत गाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।
निष्पक्षता से सदन का संचालन
मप्र विधानसभा का बजट सत्र सदन की अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाहन करते हुए 17 वर्षों में पहली बार निर्धारित बैठकों के अनुसार पूरे समय तक चला, यूं कहा जाए कि विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन को पूरे समय तक संचालित करने का एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। बजट सत्र की खूबियों पर यदि नजर डाली जाए तो राज्यपाल के अभिभाषण से लेकर बजट भाषण तक 100 से अधिक विधायकों ने सदन के भीतर चर्चा करने में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी भी की। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने अध्यक्ष की भूमिका में जितनी निष्पक्षता से सदन का संचालन किया उनकी यह कार्यशैली सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को पसंद आई। विपक्ष ने हल्ला तो किया लेकिन हल्ला बोल नहीं पाए, सत्तापक्ष ने अपना पक्ष रखने में जितनी शिद्दत से सदन में प्रदर्शन किया वह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।