अब तक 94 मीट्रिक टन गेहूं ही पहुंच सका है गोदामों में

गेहूं

-प्रदेश में इस समय गेहूं के साथ ही मसूर, चना और सरसों की भी खरीदी बड़े पैमाने पर मंडियों में की जा रही है

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र में इन दिनों बड़े पैमाने पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। फिलहाल प्रदेश में अब तक किसानों से एक करोड़ चार लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। इन दिनों लगभग हर दिन करीब डेढ़ लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीदी की जा रही है। अब तक खरीदे गए गेहूं में से 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं को ही गोदामों तक पहुंचाया जा सका है, जिसकी वजह से अभी भी खरीदी केन्द्रों पर करीब 10 लाख मीट्रिक टन गेहूं पड़ा हुआ है। अब मौसम विभाग ने दो तीन दिन में पानी गिरने की चेतावनी जारी की है , जिसकी वजह से इस गेहूं के भीगने का खतरा पैदा हो गया है। प्रदेश में जितना भी गेहूं हर रोज खरीदा जा रहा है उससे आधा गेहूं ही परिवहन सुविधा के अभाव में गोदामों में जा पा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में भंडारण की भी समस्या बनी हुई है, इसकी वजह है बीते साल के कोटे का पूरा गेहूं अब तक एफसीआई द्वारा नहीं उठाया जाना। माना जा रहा है कि अगर दो तीन दिन में पानी गिरता है तो भारी मात्रा में गेहूं का भीगना तय है। इसकी वजह है तिरपाल की व्यवस्था के बाद भी पूरे गेहूं को बचाना संभव नहीं है। मप्र में बीते रोज खरीदी ने एक करोड़ से अधिक के आंकड़े को पार कर लिया है। यह आंकड़ा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसकी वजह से खुले में रखे गेहूं की मात्रा भी बढ़ना तय है। वहीं अब देश के कई इलाकों में तूफान आने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसका असर मप्र के मौसम पर भी पड़ना तय माना जा रहा है। इसकी वजह से प्रदेश में दो से तीन दिन तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान मौसम विभाग द्वारा लगाया जा रहा है। इसकी वजह से गेहूं खरीदी में लगे अमले और संस्थाओं का टेंशन बढ़ गया है। ऐसे में इन खरीदी केन्द्रों पर तिरपाल आदि की व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।

अभी आधे किसानों से ही हो सकी है खरीदी
प्रदेश में अब तक जो गेहूं खरीदा गया है , वह 35 लाख पंजीकृत किसानों की संख्या में पचास फीसदी ही किसानों का है। अभी इतने ही किसानों से गेहूं की खरीद की जानी है। यही नहीं इन दिनों मंडियों में बड़े पैमाने पर मसूर, चना और सरसों की भी खरीदी की जा रही है। इसके लिए प्रदेश में 5171 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। प्रदेश में अब तक सरकार द्वारा किसानों से एक करोड़ चार लाख मीट्रिक टन फसल की खरीदी की जा चुकी है। फसल विक्रय के लिए प्रदेश में कुल 35 लाख 79 हजार 423 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 35 लाख 64 हजार 569 किसानों का वैरिफिकेशन हुआ था। इनमें से अब तक आधे किसानों की फसल की खरीदी ही हो सकी है। इनमें से अधिकांश बड़े किसान है जिनकी फसल की खरीदी की गई है।

अभी 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी शेष
इस बार प्रदेश सरकार ने एक करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी का लक्ष्य तय किया  है। यह पूरे देश में सबसे अधिक खरीदी का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद मप्र इस मामले में पंजाब को पीछे छोड़ देगा। गौरतलब है कि बीते साल प्रदेश में एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। यह भी देश में सर्वाधिक खरीदी का रिकार्ड था। इसके लिए प्रदेश में 5735 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें से 514 केन्द्रों पर गेहूं के अलावा अन्य फसलों की खरीदी की जा रही है। अब तक प्रदेश में गेहूं  खरीदी के लिए 32 लाख से अधिक किसानों को सूचना दी जा चुकी है।  

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