गौवंश रखने के लिए प्रदेश में बनाए जाएंगे तीन गोठान

गौवंश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सडक़ों पर खासतौर पर रात के समय बैठने वाले गौवंश की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब सरकार द्वारा गोठान बनाने की तैयारियां की जा रही हैं। इनमें गायों को रखे जाने से गौवंश भी सुरक्षित रहेगा और दुघर्टनाएं भी नहीं होंगी। प्रदेश में सबसे पहली गोठान का निर्माण करने के लिए  भोपाल-जबलपुर के बीच निकले राष्ट्रीय राजमार्ग-12 का चयन किया गया है, जिस पर अलग-अलग जगहों पर  तीन गोठान बनाने की योजना है।
दरअसल इन दोनों ही शहरों के बीच की दूरी करीब तीन सौ किलोमीटर है। बताया जा रहा है कि हर गोठान में एक सैकड़ा 100 गोवंश को रखा जा सकेगा। इनका निर्माण करने के लिए मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है। इनके निर्माण से लेकर गौवंश के रखरखाव में राजस्व विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पशुपालन विभाग से मदद ली जाएगी। दरअसल प्रदेश की सडक़ों पर लगभग आठ लाख गौवंश घूमता रहता है। सर्दियों का मौसम आते ही करीब चार माह तक राजमार्गों पर गौवंश की संख्या में तेजी से वृद्धि हो जाती है।
यह हैं ब्लैक स्पॉट
जबलपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर बाड़ी-बरेली, चिकलौद, ओबेदुल्लागंज क्षेत्रों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां पर सबसे ज्यादा बेसहारा गोवंश हाईवे पर बैठे रहते हैं। आए दिन इन स्थानों पर गौवंश की वजह से दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिसकी वजह से कई बार पशुओं की तो कई बार यात्रियों की भी मौत हो जाती है।
एक एकड़ में किया जाएगा निर्माण
प्रदेश में बलाए जाने वाले एक गोठान पर करीब एक लाख रुपए के खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। दरअसल गोठान का अर्थ गायों के बैठने की खुली व्यवस्था से है। इसका निर्माण करीब एक एकड़ जमीन में किया जाना प्रस्तावित है। इन्हें हेलीपैडनुमा गोलाकार में बनाया जाएगा। इनमें गायों को सुविधाजनक रूप से बैठने के लिए जमीन को समतल कर उनमें फर्श भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा इनका निर्माण ऐसी जगह किया जाएगा, जहां पर आसपास पानी की व्यवस्था हो। खास बात यह है कि इनमें गौमूत्र का संग्रह की भी व्यवस्था की जाएगी। इनका निर्माण राजमार्ग से लगे जंगल की तरफ किया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा गोठान निर्माण के लिए तारों की फेंसिंग का प्रस्ताव है। इसके अलावा आथरिटी के कर्मचारी ही सडक़ से गौवंश को पकडक़र गोठान तक पहुंचाने का काम करेंगे। दरअसल बीेते साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी दतिया आए थे। जब वह सडक़ मार्ग से एक कार्यक्रम के लिए रवाना हुए तो गौवंश का झुंड देखने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इनका व्यवस्थापन करने के लिए कहा था। इसके बाद से ही गोठानों का निर्माण करने की तैयारी की जा रही है।

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