नेता प्रतिपक्ष की रेस में तीन चेहरे

नेता प्रतिपक्ष
  • सिंघार या रावत में से किसी एक नाम पर लग सकती है मुहर

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीते रोज दिल्ली से लौटते ही अपने आवास पर नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की। इस बीच उनके द्वारा नए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है। इस पद के लिए तीन नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। इनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री उमंग सिंघार  और रामनिवास रावत के नाम शामिल हैं। इनके अलावा कई अन्य नेताओं के नाम भी चर्चा में बने हुए हैं, जिसमें बाला बच्चन से लेकर पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तक का नाम शामिल है।  इसके साथ ही कमलनाथ द्वारा अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। कमलनाथ आज छिंदवाड़ा जा रहे हैं। वे वहां पार्टी की जीत को लेकर जनता का आभार प्रकट करेंगे। सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव तक कमलनाथ ही प्रदेश कांग्रेस की कुर्सी पर बने रहेंगे। पार्टी उनके नेतृत्व में ही लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कमलनाथ खुद भी कह चुके हैं कि दिल्ली से वापस आकर वे अब लोकसभा की तैयारी करेंगे। इसकी शुरुआत वे प्रदेश में दौरे करने के साथ करेंगे। कार्यकर्ताओं से भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में जुटने के लिए कहा था। बता दें कि कांग्रेस के पास अभी प्रदेश में 29 में से लोकसभा की सिर्फ एक सीट है। विधान सभा चुनाव में मिली हार के बाद वे हाईकमान के साथ समीक्षा बैठक करने दिल्ली गए थे। यहां उन्होंने बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के प्राथ विधान सभा की हार पर चर्चा की है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की गई है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद रहे थे।
दिल्ली दरबार अपने स्तर पर तलाश रहा हार की वजह
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। इसके कारण जानने अंचलवार नेताओं को दिल्ली बुलाया जा रहा है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को अब राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुलाया है। इनसे कांग्रेस के प्रदर्शन की जानकारी ली जाएगी। इसी कड़ी में अजय सिंह, उमंग सिंघार, जीतू पटवारी सहित अन्य नेताओं को बुलाकर भी जानकारी लिया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस केवल 66 सीटें ही जीत सकी है। वोट प्रतिशत भी 0.49 प्रतिशत घटा है। सभी अंचलों में पार्टी को नुकसान हुआ है। विंध्य अंचल में तो पार्टी की सीट छह से घटकर पांच रह गई है, जबकि पार्टी को आशा यह थी कि यहां स्थिति में सुधार होगा। यही वजह है कि हार के कारणों पर केंद्रीय संगठन प्रदेश इकाई तक मंथन कर रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांतिलाल भूरिया, ओमकार सिंह मरकाम, कमलेश्वर पटेल, मीनाक्षी नटराजन, प्रदेश के प्रभारी सचिव सहित अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल बैठक कर चुके हैं।
केन्द्रीय पर्यवेक्षक की मौजूदगी में लगेगी नाम पर मुहर
दिल्ली में बैठक के दौरान मध्य प्रदेश सरकार पर आक्रामक होकर हमला करने में सक्षम नेता के नाम पर भी चर्चा की गई है। इसके लिए विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। दो- तीन दिन में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के नाम का ऐलान किया जाएगा। उसके बाद पर्यवेक्षक मप्र आकर विधायकों से चर्चा करेंगे। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली में बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कई नाम सामने रखे हैं। इन नामों में से ही किसी एक नाम पर सहमति दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि विधायक उमंग सिंघार का नाम लगभग तय कर लिया गया है। इसकी वजह है उनका आदिवासी समाज से आना और पूर्व मंत्री होना। वे युवा विधायकों में भी शामिल हैं। उन्हें राहुल गांधी कैम्प का भी माना जाता है। कांग्रेस को आदिवासियों का वोट भी मिला है। ऐसे में आदिवासी कार्ड खेलने की कोशिश कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही है। सिंघार के अलावा सीनियर नेताओं में अजय सिंह, राजेंद्र सिंह और रामनिवास रावत के भी नाम हैं, लेकिन माना जा रहा है कि अगर किसी तरह से सिंघार के नाम पर सहमति नहीं बन पाती है तो फिर रावत के नाम पर मुहर लगाई जाएगी। रावत को तेज तर्रार माना जाता है और वे पिछड़े वर्ग से आते हैं।
कमलनाथ को रिपोर्ट का इंतजार
कमलनाथ को अब विधानसभा वार समीक्षा रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद वे एक बार फिर इस रिपोर्ट के साथ दिल्ली जाएंगे। दरअसल कमलनाथ ने सभी प्रत्याशियों से दो अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। इसमें एक रिपोर्ट में चुनाव का विश्लेषण करना है, जबकि दूसरी रिपोर्ट में संगठन की समीक्षा करके देनी है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।

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